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रेमडेसिविर की किल्लत पर बोले कलेक्टर- शाम से सभी अस्पतालों में पहुंचेंगे इंजेक्शन

कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सबसे अधिक मांग रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही है. इस बीच कलेक्टर ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे धैर्य रखें. आज से शहर के सभी अस्पतालों में इंजेक्शन की आपूर्ति की जाएगी.

ग्वालियर न्यूज
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Published : Apr 29, 2021, 6:13 PM IST

ग्वालियर। शहर में कोरोना संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. यही वजह है कि अब जिला प्रशासन के भी हाथ-पांव फूलने लगे हैं. इसमें सबसे ज्यादा किल्लत रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही है. साथ ही किल्लत के बीच उसकी कालाबाजारी भी बढ़ती जा रही है. कलेक्ट्रेट से हॉस्पिटल के बीच इंजेक्शन गायब होते जा रहे हैं. यही वजह है कि रोज कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों की संख्या में मरीजों के परिजन पहुंच रहे हैं और इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर कलेक्टर ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि सभी धैर्य रखें. आज से शहर के सभी अस्पतालों में इंजेक्शन की आपूर्ति की जाएगी.

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह
अस्पताल के आईसीयू में पहुंचाए जाएंगे रेमडेसिविर इंजेक्शन
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि सभी लोगों से अनुरोध है कि वह धैर्य रखें. आज से इंजेक्शन की आपूर्ति की जा रही है. शाम तक शहर के हर अस्पताल के आईसीयू में इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, क्योंकि शहर में मरीजों की संख्या काफी अधिक हो गई है. इस वजह से इंजेक्शन की आपूर्ति में दिक्कत आ रही है, लेकिन आज शाम को इंजेक्शन की खेत आने वाली है, जिन्हें सीधे अस्पताल के आईसीयू में पहुंचाया जाएगा.

दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका
शहर में लगातार शिकायत आ रही है कि लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं. इसको लेकर कलेक्टर सिंह का कहना है कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है. इसको लेकर खुद एसपी अमित सांघी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो लोग कालाबाजारी करते पकड़े जाएंगे. उन पर रासुका लगाई जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा. जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन की पूरी तरह से नजर है. इसे हर हाल में रोकने की कोशिश की जा रही है.

वैक्सीनेशन से पहले मॉक ड्रिल, लॉकडाउन पर विचार नहीं: विश्वास सारंग

मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन

ग्वालियर में इंजेक्शन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. सबसे ज्यादा मरीज इंजेक्शन को लेकर परेशान हैं, क्योंकि शहर के सभी अस्पताल मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन लिख रहे हैं. यही वजह है कि मरीजों के परिजन जिला कलेक्ट्रेट और अधिकारियों की दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद भी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. शहर में रोज 500 से अधिक मरीजों को इंजेक्शन की आवश्यकता है, लेकिन सिर्फ 50 से 60 लोगों को ही इंजेक्शन उपलब्ध हो पा रहे हैं.

ग्वालियर। शहर में कोरोना संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. यही वजह है कि अब जिला प्रशासन के भी हाथ-पांव फूलने लगे हैं. इसमें सबसे ज्यादा किल्लत रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही है. साथ ही किल्लत के बीच उसकी कालाबाजारी भी बढ़ती जा रही है. कलेक्ट्रेट से हॉस्पिटल के बीच इंजेक्शन गायब होते जा रहे हैं. यही वजह है कि रोज कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों की संख्या में मरीजों के परिजन पहुंच रहे हैं और इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर कलेक्टर ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि सभी धैर्य रखें. आज से शहर के सभी अस्पतालों में इंजेक्शन की आपूर्ति की जाएगी.

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह
अस्पताल के आईसीयू में पहुंचाए जाएंगे रेमडेसिविर इंजेक्शन
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि सभी लोगों से अनुरोध है कि वह धैर्य रखें. आज से इंजेक्शन की आपूर्ति की जा रही है. शाम तक शहर के हर अस्पताल के आईसीयू में इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, क्योंकि शहर में मरीजों की संख्या काफी अधिक हो गई है. इस वजह से इंजेक्शन की आपूर्ति में दिक्कत आ रही है, लेकिन आज शाम को इंजेक्शन की खेत आने वाली है, जिन्हें सीधे अस्पताल के आईसीयू में पहुंचाया जाएगा.

दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका
शहर में लगातार शिकायत आ रही है कि लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं. इसको लेकर कलेक्टर सिंह का कहना है कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है. इसको लेकर खुद एसपी अमित सांघी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो लोग कालाबाजारी करते पकड़े जाएंगे. उन पर रासुका लगाई जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा. जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन की पूरी तरह से नजर है. इसे हर हाल में रोकने की कोशिश की जा रही है.

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मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन

ग्वालियर में इंजेक्शन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. सबसे ज्यादा मरीज इंजेक्शन को लेकर परेशान हैं, क्योंकि शहर के सभी अस्पताल मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन लिख रहे हैं. यही वजह है कि मरीजों के परिजन जिला कलेक्ट्रेट और अधिकारियों की दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद भी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. शहर में रोज 500 से अधिक मरीजों को इंजेक्शन की आवश्यकता है, लेकिन सिर्फ 50 से 60 लोगों को ही इंजेक्शन उपलब्ध हो पा रहे हैं.

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