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सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की पहल, जिला कोर्ट में दो शिफ्टों में हो रही है मामलों की सुनवाई

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला न्यायालय में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से शुरू की गई व्यवस्था से कुछ अधिवक्ता खुश नहीं हैं, जबकि कुछ अधिवक्ताओं ने इसे उचित कदम बताया है. दरअसल जिला न्यायालय में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से 2 शिफ्टों में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

Initiative to maintain social distancing
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की पहल
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Published : May 13, 2020, 7:24 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला कोर्ट में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से शुरू की गई व्यवस्था से कुछ अधिवक्ता खुश नहीं है, जबकि कुछ अधिवक्ताओं ने इसे उचित कदम बताया है. दरअसल जिला न्यायालय में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से 2 शिफ्टों में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की पहल

पहली शिफ्ट सुबह 11 से 2 बजे तक लगाई जा रही है. जबकि दूसरी 2 से 5 बजे तक शुरू की गई है. पहली शिफ्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी एडिशनल डीजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. वहीं दूसरी शिफ्ट में मजिस्ट्रेट तत्काल सुनवाई वाले मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. हाईकोर्ट केअधिवक्ताओं ने कहा है कि कई बार वकीलों को दोनों कोर्ट या मजिस्ट्रेट कोर्ट और एडीजे कोर्ट में जाना होता है. लेकिन एक कोर्ट में बिजी रहने के बाद उनका दूसरी कोर्ट में उपस्थित होना संभव नहीं हो पाता है. इसलिए एडीजे कोर्ट और मजिस्ट्रेट कोर्ट को अल्टरनेट डे में रखा जाए, ताकि मजिस्ट्रेट कोर्ट और एडीजे कोर्ट में एक साथ संबंधित वकील की सुनवाई होने पर उन्हें कुछ रिलीफ मिल सके.

इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है. वहीं कोर्ट में आने वाले लोगों को और वकीलों के हाथों को सेनेटाइज भी किया जा रहा है. गौरतलब है कि सामान्य दिनों में जिला एवं सत्र न्यायालय में करीब ढाई से तीन हजार मामलों की सुनवाई की जाती है. लेकिन अभी सामान्य मामलों को अगली तारीख देकर बढ़ा दिया गया है, और सिर्फ जमानत और रिमांड सहित जरूरी मामलों को ही सुनवाई के लिए रखा जा रहा है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला कोर्ट में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से शुरू की गई व्यवस्था से कुछ अधिवक्ता खुश नहीं है, जबकि कुछ अधिवक्ताओं ने इसे उचित कदम बताया है. दरअसल जिला न्यायालय में पक्षकार और वकीलों की संख्या को नियंत्रित करने के मकसद से 2 शिफ्टों में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की पहल

पहली शिफ्ट सुबह 11 से 2 बजे तक लगाई जा रही है. जबकि दूसरी 2 से 5 बजे तक शुरू की गई है. पहली शिफ्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी एडिशनल डीजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. वहीं दूसरी शिफ्ट में मजिस्ट्रेट तत्काल सुनवाई वाले मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. हाईकोर्ट केअधिवक्ताओं ने कहा है कि कई बार वकीलों को दोनों कोर्ट या मजिस्ट्रेट कोर्ट और एडीजे कोर्ट में जाना होता है. लेकिन एक कोर्ट में बिजी रहने के बाद उनका दूसरी कोर्ट में उपस्थित होना संभव नहीं हो पाता है. इसलिए एडीजे कोर्ट और मजिस्ट्रेट कोर्ट को अल्टरनेट डे में रखा जाए, ताकि मजिस्ट्रेट कोर्ट और एडीजे कोर्ट में एक साथ संबंधित वकील की सुनवाई होने पर उन्हें कुछ रिलीफ मिल सके.

इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है. वहीं कोर्ट में आने वाले लोगों को और वकीलों के हाथों को सेनेटाइज भी किया जा रहा है. गौरतलब है कि सामान्य दिनों में जिला एवं सत्र न्यायालय में करीब ढाई से तीन हजार मामलों की सुनवाई की जाती है. लेकिन अभी सामान्य मामलों को अगली तारीख देकर बढ़ा दिया गया है, और सिर्फ जमानत और रिमांड सहित जरूरी मामलों को ही सुनवाई के लिए रखा जा रहा है.

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