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जहां सालों तक दी सेवा, वहीं सात घंटे तक स्ट्रेचर पर पड़ी रही नर्स की लाश - Gwalior oxygen cylinder

महिला नर्स मंगला 2 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुई थी, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया था, मृतक नर्स का परिवार इंदौर में रहता है और उसका बेटा भी संक्रमित है. वह इंदौर की अस्पताल में भर्ती है. महिला नर्स प्रसूति विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी है. जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसके पड़ोसी उसे मुरार जिला अस्पताल में लेकर पहुंचे थे.

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स्ट्रक्चर पर पड़ा रहा शव
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Published : Apr 26, 2021, 10:54 AM IST

ग्वालियर। कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मचारी दिन रात मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. साथ ही इनकी इनके काम को लेकर हर तरफ सराहना भी हो रही है. लेकिन कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे कई स्वास्थ्यकर्मी लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और कईयों की तो संक्रमण से जान भी गई है. इसी कड़ी में ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल की एक महिला नर्स की कोरोना से मौत हो गई थीस जिसके बाद उसका शव जिला अस्पताल के बाहर करीब 7 घंटे तक स्ट्रक्चर पर पड़ा रहा. आलम यह था कि वहां मौजूद कोई भी उसकी लाश को हाथ लगाने के लिए तैयार नहीं हुआ.

सांसों को लेकर भिड़े जीवन रक्षक! स्वास्थ्यकर्मी-पुलिस ने पकड़ा एक दूसरे का गिरेबां

  • 2 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुई थी महिला नर्स

जानकारी के मुताबिक, महिला नर्स मंगला 2 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुई थी, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया था, मृतक नर्स का परिवार इंदौर में रहता है और उसका बेटा भी संक्रमित है. वह इंदौर की अस्पताल में भर्ती है. महिला नर्स प्रसूति विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी है. जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसके पड़ोसी उसे मुरार जिला अस्पताल में लेकर पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल का कोई भी डॉक्टर उसे भर्ती करने के लिए तैयार नहीं हुआ. जब इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को लगी तब जाकर उस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया.

  • 7 घंटे बाद आई एंबुलेंस

महिला नर्स की मौत के करीब 7 घंटे बाद उसके शव को लेने के लिए एंबुलेंस पहुंची और जिला अस्पताल के कर्मचारी मृतक महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए. वहीं, महिला स्वास्थ्यकर्मी के शव को लेकर इस तरह की लापरवाही पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. दिन-रात कोरोना मरीजों के लिए काम करने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों को खुद की सुरक्षा तक नहीं मिल पा रही है. कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित होने पर अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं, जिससे अब उनका महामारी के दौर में हौसला टूटने लगा है.

ग्वालियर। कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मचारी दिन रात मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. साथ ही इनकी इनके काम को लेकर हर तरफ सराहना भी हो रही है. लेकिन कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे कई स्वास्थ्यकर्मी लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और कईयों की तो संक्रमण से जान भी गई है. इसी कड़ी में ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल की एक महिला नर्स की कोरोना से मौत हो गई थीस जिसके बाद उसका शव जिला अस्पताल के बाहर करीब 7 घंटे तक स्ट्रक्चर पर पड़ा रहा. आलम यह था कि वहां मौजूद कोई भी उसकी लाश को हाथ लगाने के लिए तैयार नहीं हुआ.

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  • 2 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुई थी महिला नर्स

जानकारी के मुताबिक, महिला नर्स मंगला 2 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुई थी, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया था, मृतक नर्स का परिवार इंदौर में रहता है और उसका बेटा भी संक्रमित है. वह इंदौर की अस्पताल में भर्ती है. महिला नर्स प्रसूति विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी है. जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसके पड़ोसी उसे मुरार जिला अस्पताल में लेकर पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल का कोई भी डॉक्टर उसे भर्ती करने के लिए तैयार नहीं हुआ. जब इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को लगी तब जाकर उस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया.

  • 7 घंटे बाद आई एंबुलेंस

महिला नर्स की मौत के करीब 7 घंटे बाद उसके शव को लेने के लिए एंबुलेंस पहुंची और जिला अस्पताल के कर्मचारी मृतक महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए. वहीं, महिला स्वास्थ्यकर्मी के शव को लेकर इस तरह की लापरवाही पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. दिन-रात कोरोना मरीजों के लिए काम करने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों को खुद की सुरक्षा तक नहीं मिल पा रही है. कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित होने पर अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं, जिससे अब उनका महामारी के दौर में हौसला टूटने लगा है.

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