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पॉलीथिन के खिलाफ मंदिरों ने भी उठाए कड़े कदम , नहीं चढ़ाया जाएगा पॉलीथिनमें आने वाला प्रसाद - poster on Achleshwar Mahadev

भारत सरकार के पालीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब शहर के मंदिर भी जागरूकता अभियान चला रहे हैं. जिसके चलते शहर के अधिकतर मंदिरों पर पॉलिथीन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है.

पॉलिथीन के खिलाफ मंदिरों ने भी उठाए कड़े कदम
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Published : Oct 5, 2019, 3:21 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 3:32 PM IST

ग्वालियर। भारत सरकार के पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब शहर के मंदिर भी जागरूकता अभियान चला रहे हैं. जिसके चलते शहर के अधिकतर मंदिरों पर पॉलीथिन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है. जिसके बाद कई मंदिरों के बाहर सूचना लगा दी गई है कि पालीथिन में लाया गया प्रसाद स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही कई मंदिरों पर प्रसाद बेचने वालों को चेतावनी दी गई है कि वह पॉलीथिन की बिक्री करेंगे तो उनकी दुकान मंदिर परिसर से हटा दी जाएगी.

पॉलीथिन के खिलाफ मंदिरों ने भी उठाए कड़े कदम

ग्वालियर के प्राचीन मंदिरों में से एक अचलेश्वर महादेव पर भी एक पोस्टर लगाया गया है, जिस पर भक्तों को साफ साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि पर्यावरण की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिरों पर पॉलीथिन पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दी गई है.

मंदिर के पुजारी ज्ञानेश शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से देश के प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर को सभी लोगों से अपील की है कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें. ऐसे में मंदिर की भी जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण की रक्षा करने में कोई काम करें.

वहीं इस बारे में दुकानदार का कहना है कि मंदिर के निर्देश के बाद वह कागज की पैकेट में प्रसाद दे रहे है. इसके अलावा जो फूल माला भी पॉलीथिन में ना देकर कागज में लपेट कर दी जा रही है. भक्तों का मानना है कि पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर की तरफ से उठाया गया कदम काफी सराहनीय है.

ग्वालियर। भारत सरकार के पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब शहर के मंदिर भी जागरूकता अभियान चला रहे हैं. जिसके चलते शहर के अधिकतर मंदिरों पर पॉलीथिन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है. जिसके बाद कई मंदिरों के बाहर सूचना लगा दी गई है कि पालीथिन में लाया गया प्रसाद स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही कई मंदिरों पर प्रसाद बेचने वालों को चेतावनी दी गई है कि वह पॉलीथिन की बिक्री करेंगे तो उनकी दुकान मंदिर परिसर से हटा दी जाएगी.

पॉलीथिन के खिलाफ मंदिरों ने भी उठाए कड़े कदम

ग्वालियर के प्राचीन मंदिरों में से एक अचलेश्वर महादेव पर भी एक पोस्टर लगाया गया है, जिस पर भक्तों को साफ साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि पर्यावरण की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिरों पर पॉलीथिन पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दी गई है.

मंदिर के पुजारी ज्ञानेश शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से देश के प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर को सभी लोगों से अपील की है कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें. ऐसे में मंदिर की भी जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण की रक्षा करने में कोई काम करें.

वहीं इस बारे में दुकानदार का कहना है कि मंदिर के निर्देश के बाद वह कागज की पैकेट में प्रसाद दे रहे है. इसके अलावा जो फूल माला भी पॉलीथिन में ना देकर कागज में लपेट कर दी जा रही है. भक्तों का मानना है कि पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर की तरफ से उठाया गया कदम काफी सराहनीय है.

Intro:ग्वालियर- प्रतिबंधित पॉलिथीन के खिलाफ शहर के लोगों को जागरूक करने के लिए अब मंदिरों में भी कई कदम उठा लिए हैं। शहर के अधिकतर मंदिरों पर पॉलिथीन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। कई मंदिरों के बाहर सूचना लगा दी गई है कि अगर भक्त पॉलिथीन में प्रसाद लाए तो उनका वह स्वीकार नहीं किया जाएगा। कई मंदिरों पर प्रसाद बेचने वालों को चेतावनी दे दी गई है।अगर उन्हें पॉलिथीन में प्रसाद दिया तो उनकी दुकान है यहां से हटा दी जाएंगी। लोगों को जागरूक करने की सूचना देने वाले मंदिरों पर बैनर पोस्टर भी लगाए गए हैं।


Body:ग्वालियर के प्राचीन मंदिरों में शुमार अचलेश्वर महादेव पर भी बाकायदा एक पोस्टर लगा दिया गया है जिस पर भक्तों को साफ साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि पर्यावरण की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिरों पर पॉलिथीन पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दी गई है। मंदिर के पुजारी ज्ञानेश शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से देश के प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर को सभी लोगों से अपील की है कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें। ऐसे में मंदिर की भी जिम्मेदारी बन जाती है कि पर्यावरण को बचाने के लिए एक दिशा में कोई काम करें।इसलिए हम लोगों ने साफ निर्देश जारी कर दी है। जो भक्त पॉलिथीन में प्रसाद लाएंगे उनका प्रसाद भगवान को नहीं चढ़ाया जाएगा।

वाइट - ज्ञानेश शर्मा पुजारी


Conclusion:वही इस बारे में दुकानदार का कहना है कि मंदिर के निर्देश के बाद वह कागज की पैकेट में प्रसाद दे रहे है। इसके साथ कागज के थैलों का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा जो फूल माला ही है वह भी पन्नी में ना देकर कागज में लपेट कर दी जा रही है। वहीं भक्तों का मानना है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस दिशा में मंदिर द्वारा उठाया गया कदम काफी सराहनीय है। इसके साथ ही उनका कहना है गौमाता जिनकी हम पूजा करते हैं लेकिन खाने से उनकी मौत हो जाती है। यदि उनको मौत के मुंह से जाने से बचाना है तो आवश्यक है कि पॉलीथिन पर पूरी तरीके से रोक लगे।

बाइट - अतर सिंह, भक्त

बाइट - प्रवीण , दुकानदार
Last Updated : Oct 5, 2019, 3:32 PM IST
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