ग्वालियर। चंबल अंचल सहित 10 जिलों के मरीजों और सीमावर्ती राज्यों के लोगों के लिए गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में शुरू की गई एलपीए लैब कभी भी जांच करने से मना कर सकती है. बता दें कि मेडिकल कालेज प्रबंधन को पिछले 4 महीने से लैब को चलाने के लिए राज्य के क्षय रोग विभाग से कोई आवंटन नहीं हुआ है. विदेश से आई किट के कभी भी खत्म होने से जांच प्रभावित हो सकती हैं.
थम सकती हैं मरीजों की जांच
दरअसल साल के शुरुआत में ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज में टीबी के मरीजों की जांचों के लिए एलपीए लैब शुरू की गई थी, जिसकी कीमत करोड़ों में है. अब जांच के लिए जरूरी सामान खत्म होने लगा है. मेडिकल कालेज प्रबंधन पिछले 4 महीने से राज्य के क्षय रोग विभाग को पत्र लिख और मेल कर करके परेशान हैं, लेकिन उसे लैब को चलाने के लिए जरूरी फंड अभी तक जारी नहीं किया गया है, जिसके कारण मरीजों की जांच कभी भी थम सकती हैं.
क्या है एलपीए लैब एडवांस मशीन ?
बता दें कि एलपीए लैब एडवांस मशीन है, जिसकी जांच से पता चलता है कि मरीज को टीबी किस स्तर की है और कौन सी दवाई उस पर मुफीद साबित होगी.
फंड की कमी से नहीं बढ़ पा रहा स्टाफ
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ केपी रंजन का कहना है कि वो अगस्त से ही हर सोमवार को क्षय रोग विभाग को मेल कर रहे हैं, किंतु राशि का आवंटन जारी नहीं हो सका है. उन्हें स्टाफ को बढ़ाने में भी फंड की वजह से समस्या आ रही है.