ग्वालियर। कोरोना वायरस को मात देने वाले ग्वालियर के पहले व्यक्ति अभिषेक मिश्रा ने अपने बुलंद हौसले से जंग जीती है. ईटीवी भारत से बात करते हुए मिश्रा ने अपनी आप बीती सुनाई. अभिषेक बताते हैं कि, जिस वक्त वो कोरोना पॉजिटिव हुए, उस समय देश में कोरोना को लेकर बहुत ज्यादा दहशत का मौहाल था, लोग कोरोना के नाम से ही डरते थे. 12 मार्च को वो जॉब के सिलसिले में छतरपुर के एक होटल में रुके थे, होटल की एक लापरवाही से वो कोरोना संक्रमित हो गए. होटल में दो दिन पहले ही एक फॉरेनर रुका था, होटल ने बेड शीट तक नहीं बदली थी. घर आने के दो दिन बाद कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे, जिसके बाद उन्होंने सरकार द्वारा दिए गए टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सूचना दी.
परिवार ने किया पूरा सपोर्ट
अभिषेक की मानें तो उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी यकीन नहीं हो रहा था कि, उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया, क्योंकि उनकी जीवनशैली अच्छी थी और वो काफी सतर्क भी रहते थे, किसी दूसरे की गलती से वो संक्रमित हो गए थे, उन्होंने अपने आप को हिम्मत बंधाई, हालांकि परिवार के लोगों की चिंता थी, लेकिन इस मुश्किल दौर में उनके परिवार ने पूरा सपोर्ट किया.
अभिषेक आगे बताते हैं कि, उनके कोरोना संक्रमित होने की खबर जब उनके रिश्तेदार, मोहल्ले में पता चली, तो हंगामा मच गया, लोग उनसे ऑनलाइन संपर्क करने लगे, लेकिन इन सबके बीच वो सकारात्मक रहे. उनके पड़ोसियों और मकान मालिक ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उनका पूरा सपोर्ट किया.
ऐसे बच सकते हैं कोरोना से
अभिषेक लोगों को सलाह देते हुए कहते हैं कि, कोरोना महामारी में हम सबको सकारत्मक रहने की जरूरत है, साथ ही खुद सुरक्षित रहें और अपने परिवार आस पड़ोस को सुरक्षित रखें, इसके अलावा सावधानी बरतने की जरूरत है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें, साथ ही अपनी रोग प्रतिरोग क्षमता को बढाएं, उसके लिए अच्छा खान पान लें, जो लोग कोरोना संक्रमित हो जाते हैं, उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, क्योंकि कोई भी इंसान खुद से कोरोना संक्रमित नहीं होता है. ऐसे में उनके साथ इंसानियत दिखाते हुए अच्छा रवैया अपनाएं. क्योंकि ये बीमारी किसी को भी हो सकती है.