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ग्वालियरः जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए गांधी प्राणि उद्यान में किए गए हैं खास इंतजाम

तापमान बढ़ने से चिड़ियाघर के जानवर भी गर्मी से बेहाल नज़र आ रहे हैं. जानवरों और पशु- पक्षियों के लिए इन दिनों विशेष इंतजाम किए गए हैं. यहां शेर, चीता, बाघ जैसे जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं और उनके पिंजरे में स्प्रिंकलर के जरिए सुबह शाम पानी का छिड़काव करके वातावरण को सामान्य रखा जा रहा है.

गांधी प्राणि उद्यान
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Published : Apr 11, 2019, 9:44 PM IST

ग्वालियर। अप्रैल का महीना शुरू होते ही ग्वालियर चंबल अंचल में तापमान तेजी से बढ़ रहा है. 41 डिग्री के आसपास तापमान रहने से लोग तो परेशान हो ही रहे हैं साथ ही चिड़ियाघर के जानवर भी गर्मी से बेहाल नज़र आ रहे हैं, हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन ने उन्हें उचित तापमान में रखने के लिए स्प्रिंकलर और कूलर लगाए हैं.


100 साल से ज्यादा पुराने गांधी प्राणि उद्यान में रहने वाले जानवरों और पशु- पक्षियों के लिए इन दिनों विशेष इंतजाम किए गए हैं. यहां शेर, चीता, बाघ जैसे जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं और उनके पिंजरे में स्प्रिंकलर के जरिए सुबह शाम पानी का छिड़काव करके वातावरण को सामान्य रखा जा रहा है. पशु पक्षियों के लिए बड़ी-बड़ी टटिया और जाले उनके पिंजरों पर लगाए गए हैं.

गांधी प्राणि उद्यान

इतना ही नहीं गर्मी के हिसाब से पशु-पक्षियों के खाने में भी तब्दीली की गई है. ज्यादा पानी वाली फल-सब्जियां जानवरों को दी जा रही हैं. चिड़ियाघर प्रबंधन का मानना है कि तापमान ज्यादा होने के बावजूद हरियाली के कारण जू में तापमान कुछ कम रहता है. फिर भी जानवरों की देखभाल के प्रति पूरी सतर्कता बरती जा रही है.

ग्वालियर। अप्रैल का महीना शुरू होते ही ग्वालियर चंबल अंचल में तापमान तेजी से बढ़ रहा है. 41 डिग्री के आसपास तापमान रहने से लोग तो परेशान हो ही रहे हैं साथ ही चिड़ियाघर के जानवर भी गर्मी से बेहाल नज़र आ रहे हैं, हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन ने उन्हें उचित तापमान में रखने के लिए स्प्रिंकलर और कूलर लगाए हैं.


100 साल से ज्यादा पुराने गांधी प्राणि उद्यान में रहने वाले जानवरों और पशु- पक्षियों के लिए इन दिनों विशेष इंतजाम किए गए हैं. यहां शेर, चीता, बाघ जैसे जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं और उनके पिंजरे में स्प्रिंकलर के जरिए सुबह शाम पानी का छिड़काव करके वातावरण को सामान्य रखा जा रहा है. पशु पक्षियों के लिए बड़ी-बड़ी टटिया और जाले उनके पिंजरों पर लगाए गए हैं.

गांधी प्राणि उद्यान

इतना ही नहीं गर्मी के हिसाब से पशु-पक्षियों के खाने में भी तब्दीली की गई है. ज्यादा पानी वाली फल-सब्जियां जानवरों को दी जा रही हैं. चिड़ियाघर प्रबंधन का मानना है कि तापमान ज्यादा होने के बावजूद हरियाली के कारण जू में तापमान कुछ कम रहता है. फिर भी जानवरों की देखभाल के प्रति पूरी सतर्कता बरती जा रही है.

Intro:ग्वालियर
अप्रैल का महीना शुरू होते ही ग्वालियर चंबल अंचल में तापमान तेजी से बढ़ रहा है 41 के आसपास तापमान रहने से लोग तो परेशान हो ही रहे हैं लेकिन चिड़ियाघर में रहने वाले जानवर भी तापमान बढ़ने से असहज हो रहे हैं ।लिहाजा चिड़ियाघर प्रबंधन ने उन्हें उचित तापमान में रखने के लिए स्प्रिंकलर और कूलर का सहारा लिया है।


Body:100 साल से ज्यादा पुराने ग्वालियर के चिड़िया घर यानी गांधी प्राणी उद्यान में रहने वाले जानवरों और पशु पक्षियों के लिए इन दिनों विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां शेर चीता बाघ जैसे जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं और उनके बाडे में इस स्प्रिंकलर के जरिए सुबह शाम पानी का छिड़काव करके वातावरण को सामान्य रखा जा रहा है ।वहीं पशु पक्षियों के ऊपर भगवान सूर्य की तपिश का प्रतिकूल प्रभाव ना हो इसके लिए बड़ी-बड़ी टटिया और जाले उनके पिजरों में लगाए गए हैं।


Conclusion:गर्मी के कारण शेर प्रजाति के जानवर दिन में अपने बाडे में कम ही निकल रहे हैं वह कूलर लगे अपने पिंजरो में ही दिन मे 11 बजे के बाद कैद हो जाते हैं और कूलर की ठंडक में अपने आप को सामान्य रखने की कोशिश करते हैं। पशु पक्षियों को उनकी डाइट के हिसाब से खाने में भी तब्दीली की गई है ज्यादा पानी वाली सब्जियां और फल पशु पक्षियों को दिए जा रहे हैं ।ताकि उनके शरीर में पानी की मात्रा बराबर रहे। चिड़ियाघर प्रबंधन का मानना है कि तापमान ज्यादा होने के बावजूद हरियाली के कारण जू में तापमान कुछ कम रहता है बावजूद इसके जानवरों की देखभाल के प्रति पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
बाइट डॉ उपेंद्र यादव चिड़ियाघर प्रभारी ग्वालियर
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