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सूर्य ग्रहण: सड़कों पर पसरा सन्नाटा, सूतक हटते ही मंदिरों में होगा शुद्धीकरण

रविवार को लगे सूर्यग्रहण के दौरान सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. वहीं मंदिरों के कपाट शनिवार रात से ही बंद कर दिए गए. अब भक्तों के लिए मंदिर के पट शाम को ही खुल सकेंगे.

Silence on the streets in gwaliore
सूर्य ग्रहण: सड़कों पर पसरा सन्नाटा
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Published : Jun 21, 2020, 3:08 PM IST

ग्वालियर। साल के पहले सूर्य ग्रहण का व्यापक असर देखा गया. ग्वालियर में टोटल लॉकडाउन के दौरान लगे सूर्य ग्रहण के कारण शहर में कर्फ्यू जैसे हालात देखे गए. सड़कें सुनसान थी, वहीं मंदिरों के पट भी शनिवार रात से ही बंद कर दिए गए थे. भगवान की प्रतिमाओं को कपड़ों से ढंक दिया गया था. सूतक काल रविवार दोपहर 2.30 बजे खत्म होने के बाद ही मंदिर परिसरों की धुलाई की जाएगी और भगवान के स्नान के बाद उनका शृंगार से सुसज्जित किया जाएगा.

मंदिरों पट हुए बंद
रविवार सुबह करीब 10 बजे से शुरू हुए सूर्य ग्रहण के कारण अधिकांश लोग घरों से बाहर नहीं निकले. सनातन धर्म मंडल के श्रद्धालु और सदस्यों को विद्वानों द्वारा दी गई सलाह के अनुरूप ही शनिवार से लगे सूतक काल और उसके समापन यानी रविवार तक कोई भी पूजा-अर्चना या ध्यान नहीं करेंगे. इस दौरान विद्वानों ने कहा है कि किसी भी धार्मिक पुस्तक को हाथ लगाना वर्जित है, लेकिन जो पाठ या जाप कंठस्थ हो उन्हें मन ही मन पढ़ा जा सकता है.
Silence on the streets in gwaliore
सूर्य ग्रहण के दौरान प्रतिमाओं को ढक दिया गया
ज्योतिषियों के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण कुछ राशियों के लिए अच्छा है, तो कुछ के लिए यह घातक भी है. इसलिए ईश्वर का ध्यान करना इस काल में सबसे ज्यादा सही होगा. विद्वानों ने यह भी कहा है कि मंदिरों में दोपहर 2 बजे के बाद भगवान की प्रतिमाओं को अनावृत किया जाएगा और उनका स्नान के बाद अभिषेक भी किया जाएगा. हालांकि भक्तों के लिए मंदिर के पट शाम को ही खुल सकेंगे.

ग्वालियर। साल के पहले सूर्य ग्रहण का व्यापक असर देखा गया. ग्वालियर में टोटल लॉकडाउन के दौरान लगे सूर्य ग्रहण के कारण शहर में कर्फ्यू जैसे हालात देखे गए. सड़कें सुनसान थी, वहीं मंदिरों के पट भी शनिवार रात से ही बंद कर दिए गए थे. भगवान की प्रतिमाओं को कपड़ों से ढंक दिया गया था. सूतक काल रविवार दोपहर 2.30 बजे खत्म होने के बाद ही मंदिर परिसरों की धुलाई की जाएगी और भगवान के स्नान के बाद उनका शृंगार से सुसज्जित किया जाएगा.

मंदिरों पट हुए बंद
रविवार सुबह करीब 10 बजे से शुरू हुए सूर्य ग्रहण के कारण अधिकांश लोग घरों से बाहर नहीं निकले. सनातन धर्म मंडल के श्रद्धालु और सदस्यों को विद्वानों द्वारा दी गई सलाह के अनुरूप ही शनिवार से लगे सूतक काल और उसके समापन यानी रविवार तक कोई भी पूजा-अर्चना या ध्यान नहीं करेंगे. इस दौरान विद्वानों ने कहा है कि किसी भी धार्मिक पुस्तक को हाथ लगाना वर्जित है, लेकिन जो पाठ या जाप कंठस्थ हो उन्हें मन ही मन पढ़ा जा सकता है.
Silence on the streets in gwaliore
सूर्य ग्रहण के दौरान प्रतिमाओं को ढक दिया गया
ज्योतिषियों के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण कुछ राशियों के लिए अच्छा है, तो कुछ के लिए यह घातक भी है. इसलिए ईश्वर का ध्यान करना इस काल में सबसे ज्यादा सही होगा. विद्वानों ने यह भी कहा है कि मंदिरों में दोपहर 2 बजे के बाद भगवान की प्रतिमाओं को अनावृत किया जाएगा और उनका स्नान के बाद अभिषेक भी किया जाएगा. हालांकि भक्तों के लिए मंदिर के पट शाम को ही खुल सकेंगे.
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