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लॉकडाउन के चलते मुश्किल में फुटपाथ के दुकानदार, तपती धूप में करते हैं ग्राहकों का इंतजार

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी सड़क किनारे बैठने वाले मजदूरों को हो रही है. बाजार में सन्नाटा पसरा होने के चलते इनकी बिक्री भी बंद है. अब इनके सामने परिवार चलाने का संकट छाया हुआ है.

Waiting for customers in the scorching sun
तपती धूप में करते हैं ग्राहकों का इंतजार
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Published : May 10, 2020, 8:12 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी सड़क किनारे बैठने वाले उन मजदूरों को हो रही है. जो रोजाना रोटी-रोजी का इंतजाम करते थे. ग्वालियर के सबसे व्यस्त सराफा बाजार में सड़क किनारे मोती की माला पिरोने, ताबीज और मंगलसूत्र बनाने वाले फुटपाथ दुकानदार डेढ़ महीने से बेरोजगार हैं. वह रोजाना कुछ कमाने की आस में तपती दोपहर में सड़क पर बैठे रहते हैं.

लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा होने के चलते इनकी बिक्री भी बंद है. अधिकांश दुकानदारों के परिवार की रोजी रोटी सराफा बाजार में आने वाले लोगों के कारण ही चलती थी. रोजाना 300 से 400 रुपए तक ये फुटपाथ दुकानदार कमा लेते थे. लेकिन डेढ़ महीने से इनकी रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

लिहाजा सर्राफा बाजार में कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. अधिकांश फुटपाथ दुकानदारों के खुद के मकान भी नहीं है. ऐसे में उन्हें मकान का किराया देना, किराना का सामान खरीदना जैसे काम हैं. लेकिन सभी कमाने के रास्ते बंद हो चुके हैं. 42 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे ग्राहक के आने का इंतजार ये दुकानदार आज भी कर रहे हैं. इन दुकानदारों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं. इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी सड़क किनारे बैठने वाले उन मजदूरों को हो रही है. जो रोजाना रोटी-रोजी का इंतजाम करते थे. ग्वालियर के सबसे व्यस्त सराफा बाजार में सड़क किनारे मोती की माला पिरोने, ताबीज और मंगलसूत्र बनाने वाले फुटपाथ दुकानदार डेढ़ महीने से बेरोजगार हैं. वह रोजाना कुछ कमाने की आस में तपती दोपहर में सड़क पर बैठे रहते हैं.

लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा होने के चलते इनकी बिक्री भी बंद है. अधिकांश दुकानदारों के परिवार की रोजी रोटी सराफा बाजार में आने वाले लोगों के कारण ही चलती थी. रोजाना 300 से 400 रुपए तक ये फुटपाथ दुकानदार कमा लेते थे. लेकिन डेढ़ महीने से इनकी रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

लिहाजा सर्राफा बाजार में कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. अधिकांश फुटपाथ दुकानदारों के खुद के मकान भी नहीं है. ऐसे में उन्हें मकान का किराया देना, किराना का सामान खरीदना जैसे काम हैं. लेकिन सभी कमाने के रास्ते बंद हो चुके हैं. 42 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे ग्राहक के आने का इंतजार ये दुकानदार आज भी कर रहे हैं. इन दुकानदारों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं. इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

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