ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर ने (corona Cases in Gwalior) दस्तक दे दी है. भोपाल, इंदौर के साथ ग्वालियर, चंबल अंचल में संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़ा 500 के पार हो चुका है, साथ ही कोरोना से लोगों की मौतें भी शुरु हो गईं हैं. एक तरफ सरकार जनता को नसीहत दे रही है कि भीड़ न लगाएं, मास्क पहनकर ही घरों से बाहर निकलें. यात्रा करने से बचें. वहीं दूसरी तरफ सरकार के मंत्री मानने को तैयार नहीं हैं. पाबंदियों के बावजूद जिले में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा प्रदर्शन और जुलूस निकाले जा रहे हैं, जिसमें सैकड़ों लोग इकट्ठा हो रहे हैं. वीडियो में देखिए कैसे लोगों की भीड़ बेखौफ आ रही है और इन्हे नियंत्रित करने वाला कोई नहीं.
हाल ही में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई थी. जिसको (ministers of shivraj government spreading corona) लेकर भाजपा द्वारा प्रदर्शन किये जा रहे हैं. इसी को लेकर ग्वालियर में भी प्रदर्शन किया गया. जिसमें प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, बीजेपी के कई नेताओं सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. यहां कम लोग ही मास्क लगाए दिखाई देते हैं और कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करता नहीं दिखता. इस पर मंत्रियों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं. शिवराज सरकार के मंत्री और उनके समर्थकों की ये लापरवाही आम लोगों को कहीं भारी न पड़ रही है।
मंत्रियों नेताओं के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़, कोरोना गाइड लाइन की उड़ीं धज्जियां
अब बात करें मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष शैलेंद्र बरुआ ग्वालियर की तो वो हाल ही में ग्वालियर पहुंचे थे. जहां सैकड़ों गाड़ियों के काफिलों के साथ जगह-जगह उनका भव्य स्वागत किया गया. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग किस चिड़ियां का नाम है किसी को समझ नहीं आया. कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त शैलेंद्र बरुआ वाहन से उतरकर बेखौफ होकर समर्थकों के बीच जाकर माला पहनते हुए दिखाई दिए.
मूकदर्शक बना जिला प्रशासन, कांग्रेस ने उठाए सवाल
ग्वालियर जिले में मंत्री नेताओं के आए दिन कार्यक्रम हो रहे हैं. रैलियां निकाली जा रहीं है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ जुट रही है. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना है. क्या कोरोना गाइड लाइन का पालन करना सिर्फ आम लोगों की ही जिम्मेदारी है. यहां तो हर वो खास लोगों जिन पर नियमों का पालन कराने की जिम्मेदार हे वो ही इसे तोड़ते नजर आ रहे हैं. जिले में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि हमने सभी लोगों से अपील की है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करें.
अब सवाल यही है कि कलेक्टर के सामने सरकार के मंत्री ही कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ रहे हैं लेकिन उनसे कहने वाला कोई नहीं है. शायद यही वजह है कि शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. मंत्रियों और नेताओं की रैलियों पर कांग्रेस भी लगातार सवाल उठा रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार असंवेदनशील है. उसे जनता के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है. इन्हें सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है, दूसरी लहर में भी लापरवाही के चलते संक्रमण तेजी से फैला था. जब पता है कि तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है तो सरकार के मंत्री नेताओं को जनता का ख्याल रखते हुए प्रदर्शन रैलियों को रोक देना चाहिए.