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नवरात्र में भी मूर्तिकारों को नहीं मिले ऑर्डर, लागत निकालना भी हुआ मुश्किल

17 अक्टूबर से नवरात्र शुरु होने जा रहा है. लेकिन अभी भी मूर्तिकारों के पास पर्याप्त आर्डर नहीं मिल रहे हैं. जिससे मूर्तिकारों का व्यवसाय 100 प्रतिशत से घटकर इस साल केवल 25 प्रतिशत ही रह गया है. इस मुश्किल वक्त में मूर्तिकार पूंजी भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

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Published : Oct 4, 2020, 12:37 AM IST

Sculptor making goddess statue
देवी प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार परेशान

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते नवरात्रों में पंडाल लगाने की सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी होने के बाद भी मूर्तिकारों को इस साल काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होने जा रहे है लेकिन अभी भी मूर्तिकारों के पास पर्याप्त आर्डर नहीं मिल रहे. जिससे इस साल मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मूर्तिकार परेशान

लागत निकालना भी हुआ मुश्किल

मूर्तिकारों के मुताबिक अभी तक देवी प्रतिमाओं के 200 ऑर्डर भी पूरे नहीं हुए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या अब तक 500 से ज्यादा हो गई थी. ऐसे में उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही. पिछले साल छोटी प्रतिमाओं के 100 से अधिक आर्डर आ गए थे, लेकिन इस बार 20 आर्डर भी नहीं आए हैं. वहीं प्रतिमाओं में लगने वाले कच्चे माल जैसे लकड़ी, गोंद, मिटटी जैसी वस्तुओं की कीमत पिछले साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा हो गई है, लेकिन प्रतिमाओं के खरीददार बढ़ी हुई कीमत देने को तैयार नहीं है. ऐसे में अब करें भी तो क्या करें ये समझ नहीं आ रहा है. मूर्तिकारों के आगे परिवार के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी है.

व्यवसाय घटकर रह गया 25 प्रतिशत

अगर पिछले साल की बात करें तो शहर में देवी के 800 पंडाल स्थापित किए जाते थे, जो घटकर आधे से भी कम रहे गए हैं.वहीं प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से गणेश उत्सव के दौरान सरकार की तरफ से एक फीट प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मिली थी. इस वजह से गणेश उत्सव पर शहर में गणेश पंडाल नहीं लगाए गए थे. वहीं अब नवरात्रों के लिए सरकार ने 6 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की छूट तो दे दी, लेकिन उनके पास उतने ऑर्डर भी नहीं आ रहे. लिहाजा मूर्तिकारों का व्यवसाय घटकर 25 प्रतिशत ही रह गया है.

ऑर्डर बहुत कम मिल रहे

बता दें कि प्रदेश सरकार ने आने वाली 17 अक्टूबर 2020 को नवरात्र पंडाल और इसमें 6 फीट की प्रतिमाएं बनाने की गाइडलाइन जारी की गई है. इससे ग्वालियर के मूर्तिकारों को उम्मीद थी कि अब उन्हें प्रतिमाओं के ऑर्डर मिलने लगेंगे, लेकिन मूर्तिकारों की उम्मीद पूरी नहीं हुई. क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल 20 से 25 प्रतिशत ही आर्डर मूर्तिकारों को मिले हैं. इससे आशंका जताई जा रही है कि इस बार शहर में पंडाल कम संख्या में ही लगेंगे.

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते नवरात्रों में पंडाल लगाने की सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी होने के बाद भी मूर्तिकारों को इस साल काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होने जा रहे है लेकिन अभी भी मूर्तिकारों के पास पर्याप्त आर्डर नहीं मिल रहे. जिससे इस साल मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मूर्तिकार परेशान

लागत निकालना भी हुआ मुश्किल

मूर्तिकारों के मुताबिक अभी तक देवी प्रतिमाओं के 200 ऑर्डर भी पूरे नहीं हुए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या अब तक 500 से ज्यादा हो गई थी. ऐसे में उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही. पिछले साल छोटी प्रतिमाओं के 100 से अधिक आर्डर आ गए थे, लेकिन इस बार 20 आर्डर भी नहीं आए हैं. वहीं प्रतिमाओं में लगने वाले कच्चे माल जैसे लकड़ी, गोंद, मिटटी जैसी वस्तुओं की कीमत पिछले साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा हो गई है, लेकिन प्रतिमाओं के खरीददार बढ़ी हुई कीमत देने को तैयार नहीं है. ऐसे में अब करें भी तो क्या करें ये समझ नहीं आ रहा है. मूर्तिकारों के आगे परिवार के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी है.

व्यवसाय घटकर रह गया 25 प्रतिशत

अगर पिछले साल की बात करें तो शहर में देवी के 800 पंडाल स्थापित किए जाते थे, जो घटकर आधे से भी कम रहे गए हैं.वहीं प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से गणेश उत्सव के दौरान सरकार की तरफ से एक फीट प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मिली थी. इस वजह से गणेश उत्सव पर शहर में गणेश पंडाल नहीं लगाए गए थे. वहीं अब नवरात्रों के लिए सरकार ने 6 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की छूट तो दे दी, लेकिन उनके पास उतने ऑर्डर भी नहीं आ रहे. लिहाजा मूर्तिकारों का व्यवसाय घटकर 25 प्रतिशत ही रह गया है.

ऑर्डर बहुत कम मिल रहे

बता दें कि प्रदेश सरकार ने आने वाली 17 अक्टूबर 2020 को नवरात्र पंडाल और इसमें 6 फीट की प्रतिमाएं बनाने की गाइडलाइन जारी की गई है. इससे ग्वालियर के मूर्तिकारों को उम्मीद थी कि अब उन्हें प्रतिमाओं के ऑर्डर मिलने लगेंगे, लेकिन मूर्तिकारों की उम्मीद पूरी नहीं हुई. क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल 20 से 25 प्रतिशत ही आर्डर मूर्तिकारों को मिले हैं. इससे आशंका जताई जा रही है कि इस बार शहर में पंडाल कम संख्या में ही लगेंगे.

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