ग्वालियर। कोरोना महामारी के बीच डेढ़ साल बाद भविष्य को देखते हुए सरकार ने 6वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल (Gwalior School Reopen) दिए हैं, आज से सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे है. स्कूल प्रबंधन की तरफ से भी कोविड-19 को ध्यान में रखकर सारे इंतजाम किए गए हैं, क्लास में 50 फीसदी क्षमता के लिए दो बच्चों के बीच दो गज की दूरी छोड़ी गई है. साथ ही गेट पर सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है. पहले ही दिन रियल्टी चेक करने ईटीवी भारत शहर के पद्मा कन्या स्कूल पहुंचा और स्कूलों में किए गए इंतजाम का जायजा लिया.
स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के तहत दिया प्रवेश
आज मध्यप्रदेश में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोले गए हैं. आज पहला दिन है इसलिए स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोरोना गाइड लाइन के विशेष इंतजाम किए गए हैं. छात्र-छात्राओं को स्कूल में प्रवेश से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और हैंड सैनिटाइजर दिए गए, उसके बाद उन्हें कक्षा में प्रवेश दिया गया. जो छात्र-छात्राएं बिना मास्क स्कूल में पहुंचे थे, उन्हें गेट पर ही टोक कर मास्क लगाने के लिए कहा गया, तब जाकर कक्षा में बैठाया गया. साथ ही कक्षा में 50 फीसदी ही बच्चों को अनुमति दी गई है, यानि एक बच्चे को सप्ताह में 3 दिन बुलाया जाएगा.
कोरोना काल में प्रभावित हुई पढ़ाई से छात्र परेशान
लंबी छुट्टी के बाद स्कूल पहुंचे छात्रों ने बताया कि वो अपनी पढ़ाई काफी मिस कर रहे थे, उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद अपनी कक्षा में पहुंचे हैं, कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है, लेकिन अब आगे से कक्षाएं निरंतर लगनी शुरू हो जाएंगी और पढ़ाई भी फिर से सुचारू रूप से चालू हो जाएगी. वहीं छात्र-छात्राओं का कहना है कि आज जब स्कूल आ रहे थे तो माता-पिता ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा है.
6वीं से 8वीं तक डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राएं
ग्वालियर में सरकारी और प्राइवेट स्कूल मिलाकर 6वीं से लेकर मिडिल तक 1780 स्कूल हैं, इनमें लगभग डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं, अभी तक छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चल रही थी, पर आज से ऑफलाइन क्लासेस 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू कर दी गई है, ऐसे में स्कूल में पढ़ने आए छात्र छात्राएं काफी खुश नजर आ रहे हैं और वह पढ़ाई के लिए काफी उत्साहित भी हैं. यही वजह है कि आज पहले दिन सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 50 फीसदी तक रही.