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DTL में जांच के लिए पहुंचे 72 दवाईयों के सैंपल, टेस्टिंग में पास होने पर होगी बिक्री - Drug Testing Lab Gwalior

ग्वालियर के आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर की ड्रग टेस्टिंग लैब में 72 दवाओं के सैंपल जांच के लिए पहुंचे है.

Samples of 72 drugs arrived for investigation in Drug Testing Lab Gwalior
आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर ग्वालियर
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Published : Feb 23, 2020, 12:51 PM IST

Updated : Feb 23, 2020, 1:58 PM IST

ग्वालियर। शहर के आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर में हाल ही में स्थापित की गई प्रदेश की एकमात्र ड्रग टेस्टिंग लैब में अब तक 72 दवाओं के नमूने जांच के लिए पहुंचे हैं. अब इन दवाओं को करीब आधा दर्जन विभिन्न जांचों का सामना कर मानकों पर खरा उतरना होगा. तभी ये दवाएं बाजार में जा सकती हैं.

आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर ग्वालियर

दरअसल मौजूदा दौर में पिछले एक दशक में आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार बढ़ा है. वहीं दवा बनाने वाली फॉर्मेसियों की संख्या भी उसी अनुपात में बढी है, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी तक आयुर्वेदिक दवाओं का दावा करने वाली कंपनियों के मानकों के हिसाब से टेस्टिंग नहीं हो पाती थी. जबकि मध्यप्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार बेहद विस्तृत हुआ है.

इसके लिए प्रदेश सरकार ने 2003 में बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन डीटीएल (ड्रग टेस्टिंग लैब ) 2019 नवंबर में स्थापित हो सकी है. ड्रग टेस्टिंग लैब में तीन तरह से दवाओं के नमूने जांच के लिए आ रहे हैं.

पहला जो लीगल साइंटिफिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न फार्मेसी और कंपनियों से इकट्ठा की किए जाते हैं, दूसरे भोपाल और ग्वालियर की आयुर्वेदिक फार्मेसी में तैयार की गई दवाओं का हैं और 30 नमूने भी हैं जिन्हें आयुष छात्र अपने शोध के बाद दवा के रूप में तैयार कर रहे हैं.

उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की दवा उपलब्ध हो सके इसके लिए हर सैंपल को छह जाचों से गुजरना पड़ता है. 20 सैंपल ऐसे भी आए हैं जो शुरुआती जांच में खरे नहीं उतरे हैं लेकिन उनकी अब अलग से जांच की जा रही है.

ग्वालियर। शहर के आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर में हाल ही में स्थापित की गई प्रदेश की एकमात्र ड्रग टेस्टिंग लैब में अब तक 72 दवाओं के नमूने जांच के लिए पहुंचे हैं. अब इन दवाओं को करीब आधा दर्जन विभिन्न जांचों का सामना कर मानकों पर खरा उतरना होगा. तभी ये दवाएं बाजार में जा सकती हैं.

आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर ग्वालियर

दरअसल मौजूदा दौर में पिछले एक दशक में आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार बढ़ा है. वहीं दवा बनाने वाली फॉर्मेसियों की संख्या भी उसी अनुपात में बढी है, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी तक आयुर्वेदिक दवाओं का दावा करने वाली कंपनियों के मानकों के हिसाब से टेस्टिंग नहीं हो पाती थी. जबकि मध्यप्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं का बाजार बेहद विस्तृत हुआ है.

इसके लिए प्रदेश सरकार ने 2003 में बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन डीटीएल (ड्रग टेस्टिंग लैब ) 2019 नवंबर में स्थापित हो सकी है. ड्रग टेस्टिंग लैब में तीन तरह से दवाओं के नमूने जांच के लिए आ रहे हैं.

पहला जो लीगल साइंटिफिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न फार्मेसी और कंपनियों से इकट्ठा की किए जाते हैं, दूसरे भोपाल और ग्वालियर की आयुर्वेदिक फार्मेसी में तैयार की गई दवाओं का हैं और 30 नमूने भी हैं जिन्हें आयुष छात्र अपने शोध के बाद दवा के रूप में तैयार कर रहे हैं.

उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की दवा उपलब्ध हो सके इसके लिए हर सैंपल को छह जाचों से गुजरना पड़ता है. 20 सैंपल ऐसे भी आए हैं जो शुरुआती जांच में खरे नहीं उतरे हैं लेकिन उनकी अब अलग से जांच की जा रही है.

Last Updated : Feb 23, 2020, 1:58 PM IST
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