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ग्वालियर में पानी से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा, यूरेनियम की संदिग्ध मौजूदगी ने बढ़ाई चिंता

ग्वालियर जिले के कुछ इलाकों में कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है एक सर्वे रिपोर्ट में दूषित पानी को इसका कारण माना गया है. इस इलाके में यूरेनियम की उपस्थिति भी पाई गई है हालांकि प्रशासन ने जांच के बाद ही कुछ भी कहने की बात कही है.

risk of cancer is increasing in Gwalior
ग्वालियर में पानी से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा
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Published : Jul 25, 2023, 10:42 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर का एक हिस्सा ऐसा है जहां पर सबसे अधिक कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा कारण पानी बताया जा रहा है. जिले के घाटीगांव ब्लॉक में आने वाले बरई पनिहार और आसपास के दर्जनभर गांव में लगातार कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसी को लेकर ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने लोकसभा में यह मुद्दा सदन के पटल पर रखा है. उन्होंने कहा है कि यह काफी चिंता का विषय है और इसका समय रहते निराकरण करवाएं ताकि वहां की जनता को बचाया जा सके.

क्षेत्र में बढ़ रही समस्या: बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने सोमवार को लोकसभा में नियम 337 के तहत यह मुद्दा सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि जिले के घाटीगांव ब्लॉक में बरई, पनिहार आदिवासी का पुरा सहित दर्जनों भर गांव में लगातार कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है जो कि चिंता का विषय है. सांसद अपने वक्तव्य में उल्लेख किया है कि उनके संज्ञान में आया है कि जल शक्ति मंत्रालय के भूजल बोर्ड की टीम ने इस क्षेत्र में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के कारणों को जानने के लिए सर्वे किया था.

risk of cancer is increasing in Gwalior
ग्वालियर में पानी से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा

सर्वे रिपोर्ट में पाया गया कि यहां के पानी ने कैंसर कारक तत्व हैं. बताया जा रहा है कि इस सर्वे रिपोर्ट में पाया गया कि यहां के पानी में कैंसर कारक तत्व है जिससे कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है दूषित जल के चलते पर्यावरण में भी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस इलाके में पिछले कुछ सालों में आधा सैकड़ा से अधिक मौतें कैंसर की वजह से हो चुकी है तो वहीं इलाके में 50 से 60 कैंसर के मरीज अभी भी हैं.

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यूरेनियम की उपस्थिति संदिग्ध: ग्वालियर जिले के ऐसे घाटीगांव इलाके में इसका सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि यहां का पानी काफी दूर दूषित है और इसका खुलासा इसी साल केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट में भी हुआ था. इस रिपोर्ट में ग्वालियर जिले का पानी दूषित बताया गया. इस पानी को पीने से किडनी, लिवर और कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ता है और इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि घाटीगांव इलाके में खनिज की चट्टानें हैं और यहां पर पत्थर की खदानें सबसे अधिक है. जहां हर समय पत्थर माफिया विस्फोट करके पत्थर निकालते रहते हैं. इस कारण भूजल में यूरेनियम मिलने के प्राकृतिक कारणों में यूरेनियम वाली ग्रेनाइट चट्टानों से यह भूजल में रिश्ता रहता है और ग्वालियर के घाटीगांव इलाके में यूरेनियम की मात्रा मानक से कहीं जाता है यहां पर यूरेनियम की मात्रा 233.9 है. इस मामले को लेकर जब ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार से बातचीत की तो उनका कहना है कि हम इस मामले को दिखा रहे हैं जांच करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे.

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर का एक हिस्सा ऐसा है जहां पर सबसे अधिक कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा कारण पानी बताया जा रहा है. जिले के घाटीगांव ब्लॉक में आने वाले बरई पनिहार और आसपास के दर्जनभर गांव में लगातार कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसी को लेकर ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने लोकसभा में यह मुद्दा सदन के पटल पर रखा है. उन्होंने कहा है कि यह काफी चिंता का विषय है और इसका समय रहते निराकरण करवाएं ताकि वहां की जनता को बचाया जा सके.

क्षेत्र में बढ़ रही समस्या: बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने सोमवार को लोकसभा में नियम 337 के तहत यह मुद्दा सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि जिले के घाटीगांव ब्लॉक में बरई, पनिहार आदिवासी का पुरा सहित दर्जनों भर गांव में लगातार कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है जो कि चिंता का विषय है. सांसद अपने वक्तव्य में उल्लेख किया है कि उनके संज्ञान में आया है कि जल शक्ति मंत्रालय के भूजल बोर्ड की टीम ने इस क्षेत्र में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के कारणों को जानने के लिए सर्वे किया था.

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ग्वालियर में पानी से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा

सर्वे रिपोर्ट में पाया गया कि यहां के पानी ने कैंसर कारक तत्व हैं. बताया जा रहा है कि इस सर्वे रिपोर्ट में पाया गया कि यहां के पानी में कैंसर कारक तत्व है जिससे कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है दूषित जल के चलते पर्यावरण में भी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस इलाके में पिछले कुछ सालों में आधा सैकड़ा से अधिक मौतें कैंसर की वजह से हो चुकी है तो वहीं इलाके में 50 से 60 कैंसर के मरीज अभी भी हैं.

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