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ग्वालियर: चचेरी बहन से रेप और हत्या के आरोपी भाई को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

नाबालिक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट का कहना है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है.

आरोपी भाई को कोर्ट ने सुवाई मौत की सजा
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Published : May 8, 2019, 9:09 PM IST

ग्वालियर| जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुए एक नाबालिक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट का कहना है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है. कोर्ट ने आरोपी को अपहरण, बलात्कार, पॉस्को एक्ट और हत्या के मामले में सजा सुनाई है.

आरोपी भाई को कोर्ट ने सुवाई मौत की सजा

4 जुलाई 2017 को पनिहार थाना क्षेत्र के नयागांव इलाके में रहने वाली एक लड़की जिसकी उम्र लगभग आठ साल थी, पास के ही स्कूल में पढ़ने गई लेकिन लड़की जब देर शाम तक नहीं लौटी तो उसके परिवार ने खोजबीन शुरू की. अगले दिन 5 जुलाई को नाबालिक का क्षत विक्षत शव एक पाटौर के बाहर पड़ा मिला. बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें हत्या और बलात्कार की पुष्टि हुई. जब पुलिस ने जांच की तो एक युवक ने बताया की आखिरी बार मासूम बच्ची को उसने लड़की के चचेरे भाई मनोज प्रजापति के साथ देखा था. जब पुलिस ने मनोज प्रजापति से पूछताछ शुरू की तो आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. पनिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से वह जेल में है.

बुधवार को मनोज को जेल से कोर्ट लाया गया था. एडीजे कोर्ट ने मनोज को 10 और 7 साल की सजा के साथ 2 हजार रुपए का जुर्माने से दंडित किया है. वहीं बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज की मां को भरोसा है कि उसके बेटे ने यह जघन्य कांड नहीं किया है.

ग्वालियर| जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुए एक नाबालिक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट का कहना है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है. कोर्ट ने आरोपी को अपहरण, बलात्कार, पॉस्को एक्ट और हत्या के मामले में सजा सुनाई है.

आरोपी भाई को कोर्ट ने सुवाई मौत की सजा

4 जुलाई 2017 को पनिहार थाना क्षेत्र के नयागांव इलाके में रहने वाली एक लड़की जिसकी उम्र लगभग आठ साल थी, पास के ही स्कूल में पढ़ने गई लेकिन लड़की जब देर शाम तक नहीं लौटी तो उसके परिवार ने खोजबीन शुरू की. अगले दिन 5 जुलाई को नाबालिक का क्षत विक्षत शव एक पाटौर के बाहर पड़ा मिला. बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें हत्या और बलात्कार की पुष्टि हुई. जब पुलिस ने जांच की तो एक युवक ने बताया की आखिरी बार मासूम बच्ची को उसने लड़की के चचेरे भाई मनोज प्रजापति के साथ देखा था. जब पुलिस ने मनोज प्रजापति से पूछताछ शुरू की तो आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. पनिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से वह जेल में है.

बुधवार को मनोज को जेल से कोर्ट लाया गया था. एडीजे कोर्ट ने मनोज को 10 और 7 साल की सजा के साथ 2 हजार रुपए का जुर्माने से दंडित किया है. वहीं बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज की मां को भरोसा है कि उसके बेटे ने यह जघन्य कांड नहीं किया है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुई एक बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने कहा है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है । न्यायालय ने उसे अपहरण बलात्कार पास्को एक्ट और हत्या में यह सजा सुनाई है।


Body:दरअसल पनिहार थाना क्षेत्र के नयागांव इलाके में रहने वाली एक बालिका जिसकी उम्र साढे सात साल थी वह 4 जुलाई 2017 को पास के ही स्कूल में पढ़ने गई थी लेकिन बालिका जब देर शाम तक नहीं लौटी तो उसके परिवार ने खोजबीन शुरू की। अगले दिन 5 जुलाई को बालिका की क्षतविक्षत लाश एक पाटौर के बाहर पड़ी मिली। बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें हत्या और बलात्कार की पुष्टि हुई। आखिरी वक्त पर रामसेवक नामक ग्रामीण ने उसे चचेरे भाई मनोज प्रजापति के साथ देखा था जब पुलिस ने मनोज प्रजापति से पूछताछ शुरू की तो वह हड़बड़ा गया कड़ाई से पूछताछ करने पर मनोज ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पनिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से वह जेल में है।


Conclusion:बुधवार को मनोज को जेल से न्यायालय लाया गया था एडीजे कोर्ट ने मनोज के खिलाफ अपहरण बलात्कार साक्ष्य छुपाने और हत्या करने जैसे अपराधों को उसके खिलाफ सिद्ध पाया और उसे हत्या तथा बलात्कार में मृत्युदंड साक्ष्य छुपाने और पास्को एक्ट में 10 और 7 साल की सजा के साथ ही ₹2000 के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय में सजा सुनाए जाते वक्त उसकी मां भी मौजूद थी। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसका बेटा अपने ही चचेरी बहन के साथ इस तरह का घ्रणित क्रत्य कर सकता है। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज की मां को भरोसा है कि उसके बेटे ने यह जघन्य कांड नहीं किया है।
बाइट मनोज कुमार जैन शासकीय अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर
बाइट गायत्री देवी आरोपी मनोज की मां
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