ग्वालियर। अयोध्या में बनने जा रहे श्रीराम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर लग रहे आरोपों पर निर्मोही अखाड़े के प्रमुख पंच और गंगादास शाला के प्रमुख महंत रामसेवक महाराज ने सवाल उठाए है. उन्होंने कहा है कि श्रीराम मंदिर जमीन को लेकर घोटाले की जो बातें सामने आ रही है वह बेहद शर्मनाक है. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
राम के नाम पर घोटाला निंदनीय
रामसेवक महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर यह घोटाला हुआ है तो बेहद ही निंदनीय है. श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए केवल संतो ने ही पैसा नहीं दिया बल्कि भारत के अलावा अन्य देशों में रह रहे राम भक्तों ने भी दिल खोलकर दान दिया है. यदि उनके पैसे को लेकर घोटाला हुआ है तो यह बेहद ही निंदनीय है. रामसेवक महाराज ने कहा कि ऐसे लोग भगवान के नाम पर घोटाला कर सकते हैं तो उन्हें माफ नहीं किया जा सकता और संसार में उनके रहने की कोई जगह नहीं है. रामसेवक महाराज ने कहा कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और जो भी दोषी हो, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
राम मंदिर निर्माण से लेकर सेवा पूजा में हमें मुख्य भूमिका दी जाए: निर्मोही अखाड़ा
राष्ट्रपति से मिलेंगे संत, जा सकते है न्यायालय की शरण में
रामसेवक महाराज ने कहा कि जमीन घोटाला मामले को लेकर निर्मोही अखाड़े के संत राष्ट्रपति से मिलेंगे. अगर आवश्यकता पड़ी तो इलाहाबाद न्यायालय की शरण भी लेंगे. उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा ने ही सबसे पहले यह राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट बनाने की मांग को लेकर ग्वालियर में बैठक की थी और यह मांग भी की थी कि मंदिर ट्रस्ट में कम से कम 5 सदस्य निर्मोही अखाड़े के हो, यदि ऐसा हुआ होता तो शायद घोटाला नहीं होता.