ग्वालियर। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ग्वालियर पहुंचे. उन्होंने NCERT की राजनीतिक विज्ञान की 12वीं कक्षा की पुस्तकों से देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम का उल्लेख हटाने के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि "मुगलों के इतिहास को 100 साल बाद विलोपित कर दिया गया. अब राजपूतों को विलोपित करोगे क्या.'' उन्होंने कहा कि ''इतिहास का ज्ञान सबको होना चाहिए. आखिर हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच लड़ा गया?'' ऐसा उन्होंने अपने ट्वीट में भी तंज किया है.
साधु संतों का आदर करती है कांग्रेस: वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मॉडल और गैंगस्टर अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के सवाल पर जवाब देते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि ''अब तो जनता ही बताएगी कि कौन सा मॉडल चलेगा? साधु-संतों के ऊपर हो रही राजनीति के मुद्दे पर राज्य सभा सांसद ने कहा कि ''साधु संतों को आदर सत्कार से देखा जाना चाहिए. हम उनका आदर करते हैं, लेकिन बीजेपी प्रचार के लिए उनका इस्तेमाल करती है. हम प्रचार नहीं करते.''
भाजपा के अंबेडकर महाकुंभ पर साधा निशाना: ग्वालियर में 16 अप्रैल को होने वाले अंबेडकर महाकुंभ पर टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि ''बीजेपी 20 साल लेट हो गई है और इस 20 साल की एंटी इनकंबेंसी का पूरा मौका कांग्रेस को मिलेगा. बाबा साहब अंबेडकर हमारे संविधान के निर्माता थे, मेरे आईकॉन हैं. लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति करने में लेट हो गई है.'' वहीं तन्खा ने राहुल गांधी को अपनी राज्यसभा सीट ऑफर करने के सवाल पर कहा कि ''राहुल गांधी और सोनिया ने उन्हें दूसरी बार मौका दिया है और मैं अपना सौभाग्य मानूंगा अगर वह मेरी सीट स्वीकार करेंगे.''