ग्वालियर। रविवार को ज्योतिरादित्य ग्वालियर स्थित रानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर गए थे. यह पहला मौका था जब सिंधिया परिवार का कोई सदस्य रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए . इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और समाधी स्थल का शुद्धिकरण किए जाने की बात भी कही. मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ता समाधी स्थल पंहुचे और उसे पानी छिड़क कर शुद्ध करने लगे. इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया.
कांग्रेस ने किया शुद्धिकरण
ज्योतिरादित्य सिंधिया के लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाने को लेकर सियासत भी जोरों पर है. मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां ' रानी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं के नारे लगाए. कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने चल चढ़ाकर लक्ष्मीबाई की समाधि का शुद्धिकरण भी किया. मंगलवार दोपहर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ समाधि स्थल पर पहुंचे. इस दौरान हंगामा होता देख पुलिस ने समाधी स्थल को बंद कर दिया था. जिस वजह से पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. कांग्रेस प्रवक्ता ने सिंधिया परिवार को गद्दार बताते हुए कहा कि अगर इस परिवार ने उस समय झांसी की रानी का साथ दे दिया होता तो देश तभी आजाद हो गया होता.
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आखिरकार ग्वालियर में स्तब्ध,क्षुब्ध वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को ईश्वर ने ही घनगौर बारिश के माध्यम से जलाभिषेक कर शुद्ध किया....!!!! @JM_Scindia @OfficeOfKNath pic.twitter.com/q6ueJoWXCH
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वीरांगना की आत्मा को दुख पहुंचा होगा- कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि सिंधिया के इस काम से वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की आत्मा को दुख पहुंचा है. ग्वालियर में हो रही बारिश को इस पूरे मामले से जोड़ते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट किया कि समाधि स्थल को कुदरत ने खुद बारिश करके शुद्ध किया है,आखिरकार ग्वालियर में स्तब्ध, क्षुब्ध वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का ईश्वर ने ही जलाभिषेक (Rain Purified Cenotaph of Rani Laxmi Bai) किया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई को श्रद्धांजलि (Cenotaph of Rani Laxmi Bai in gwalior) देकर उस कलंक को धोने की कोशिश की है, जो सदियों पहले उस परिवार के ऊपर लगा था. पहले कांग्रेस महिला नेता रुचि ने कहा कि सिंधिया के द्वारा समाधि स्थल पर माथा टेकना कुदरत को भी पसंद नहीं आया है.
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पहली बार रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर सिंधिया
सिंधिया परिवार के मुखिया व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंचकर इतिहास बदल दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई सिंधिया परिवार का मुखिया रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर गया है क्योंकि हमेशा से ही सिंधिया परिवार पर रानी लक्ष्मी बाई की हत्या को लेकर गद्दारी के आरोप लगते रहे हैं. यही वजह है कि आज तक सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर नहीं गया, लेकिन रविवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंच कर उन्हें नमन किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए.
दिग्विजय सिंह भी कर चुके हैं कटाक्ष
सिंधिया भले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, लेकिन किसी को भी इस बात का आभास नहीं था कि ज्योतिरादित्य रानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर जाएंगे, क्योंकि सिंधिया राज घराने के किसी भी व्यक्ति ने आजतक ऐसा नहीं किया. कांग्रेस सिधिया की सोच में आए इस परिवर्तन को उनपर लगा दाग धोने की कोशिश के रूप में देख रही है. कांग्रेस ने बड़े नेता दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के उनके फैसले पर कटाक्ष कर चुके हैं. दिग्विजय सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि एक आदमी यदि गद्दारी करता है तो उसके वंश में सभी लोग गद्दारी करते हैं.
बीजेपी में सिंधिया के बढ़ते कद से परेशान कांग्रेस
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पांच सिपहसालोरों को शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में जगह दिलाने के बाद सिंधिया खुद केंद्रीय मंत्री बने. समय के साथ सिंधिया का सियासी कद राज्य की राजनीति में लगातार बढ़ रहा है. पहले भाजपा संगठन में सिंधिया के समर्थकों को स्थान दिया गया और अभी निगम मंडलों में भी सिंधिया समर्थकों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
समर्थकों को भी मिली निगम मंडलों में जिम्मेदारी
सिंधिया की एमपी की राजनीति में बढ़ती हिस्सेदारी इसी से देखी जा सकती है कि बीते कुछ समय से निगम मंडलों की नियुक्ति को लेकर खींचतान का दौर जारी था उसमें भी उन्होंने अपने समर्थकों को स्थान दिलाने में कोई कोर कर नहीं छोड़ी. बड़े मंथन के बाद निगम-मंडलों में 25 नियुक्तियां की गई हैं इनमें सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए सात लोगों को भी समायोजित किया गया है. यह वह लोग हैं जो विधानसभा के उपचुनाव हार गए थे. सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए एंदल सिंह कंसाना, इमरती देवी ,गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, रघुराज कंसाना को निगम मंडलों में स्थान मिला है. खास बात यह है कि यह सभी लोग ग्वालियर-चंबल इलाके से आते हैं.
भाजपा में मौकापरस्तों को मिली मलाई : कांग्रेस
दूसरी ओर कांग्रेस सिंधिया समर्थकों को स्थान दिए जाने को लेकर हमलावर है. कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सौदेबाजी की सरकार में केवल मौकापरस्तों को ही सत्ता सुख और लाभ के पद मिलते हैं. पहले आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को जगह दे दी गई. भाजपा के वरिष्ठ नेता तरसते रह गए. अब जब निगम मंडलों की बारी है तो वहीं सिंधिया समर्थक जिन्हें विधानसभा उपचुनाव में टिकट भी दिया गया, उपचुनाव में जनता ने नकार दिया, उन्हीं लोगों को निगम मंडलों में अध्यक्ष बनाया जा रहा है. उनको केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है. भाजपा के निष्ठावान समर्पित कार्यकर्ता केवल टाट,पट्टी झंडे उठा रहे हैं, अब बदली हुई भाजपा में सत्ता की मलाई केवल गद्दारों और मौकापरस्त को दी जाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब देख रही है 2023 में इन सौदेबाजी को बेदखल करेगी.