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बेरहम गार्ड ने पिल्ले को पीट-पीटकर मार डाला, लोगों ने Guard को सिखाया सबक, जमकर की धुनाई - कुत्ते की डंडे से पिटाई ग्वालियर

सुरक्षा गार्ड ने नन्हें पिल्ले को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला. इस बात की जानकारी लगते ही डॉग लवर्स ने गार्ड की जमकर पिटाई कर दी.

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बेरहम गार्ड ने पिल्ले को पीट-पीटकर मार डाला
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Published : Jun 23, 2021, 12:59 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 1:05 PM IST

ग्वालियर। पॉश कॉलोनी में तैनात एक सुरक्षा गार्ड ने कुत्ते के पिल्ले को डंडे से पीट-पीटकर मार डाला. घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद डॉग लवर्स ने मोर्चा खोल दिया. डॉग प्रेमियों ने झांसी रोड थाने में मामला दर्ज कराया. इसी दौरान जब आरोपी थाने पहुंचा, तब उन लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी.

पिल्ले को बेरहमी से मारा


दरअसल, हरिशंकर पुरम क्षेत्र में तैनात सुरक्षा गार्ड संजय वर्मा ने सोमवार शाम कॉलोनी में घूम रहे मासूम पिल्ले को डंडे से पीटा. पिटाई से बेजुबान की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही डॉग प्रेमी मौके पर पहुंचे.

बेरहम गार्ड ने पिल्ले को पीट-पीटकर मार डाला



पूरी घटना सीसीटीवी में हुई कैद


सीसीटीवी फुटेज में गार्ड संजय बेजुबान को डंडे से पीटता नजर आ रहा हैं. डॉग लवर्स ने झांसी रोड थाने पहुंचकर आरोपी गार्ड के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इस दौरान जब आरोपी थाने पहुंचा, तो उन लोगों ने संजय को पीटना शुरू कर दिया.


शर्मनाक: ग्वालियर में कुत्ते को खुला छोड़ने से मना करने पर युवक ने बुजुर्ग दंपत्ति को पीटा



आरोपी सिक्योरिटी गार्ड पर किया मामला दर्ज


आरोपी को पीटता देख झांसी रोड थाने के आरक्षक उन्हें बचाने दौड़ पड़े. पुलिस किसी तरह संजय को थाने ले आई. इस पूरे मामले को लेकर टीआई मिर्जा आसिफ बैग का कहना है कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं. फिलहाल डॉग के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम क्या है?

आए-दिन जानवरों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था. इस अधिनियम को पारित करने का मकसत मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था. साल 2003 में इसमें संशोधन किया गया, जिसका नाम बदलकर भारतीय वन्य जीव संरक्षण(संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया. इसके तहत जुर्माने और दंडात्मक कार्रवाई को और सख्त किया गया हैं.

क्या है दंड

  • न्यूनतम दंड- 3 साल
  • अधिकतम दंड- सात साल
  • न्यूनतम आर्थिक दंड- 10 हजार रुपए
  • अधिकतम आर्थिक दंड- 25 लाख रुपए

संविधान में जानवरों को मिले हैं इंसानों जैसे अधिकार

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संविधान में जानवरों को मिले हैं इंसानों जैसे अधिकार
  • भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवकों को जहर दिया या फिर जान से मार डाला, तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती हैं. इसके साथ ही जुर्माने की कार्रवाई का भी प्रावधान है.
  • जानवरों को लंबे समय तक रस्सी से बांधना अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में तीन माह की जेल के साथ जुर्माना वसूला जाता हैं.
  • मंदिरों और सड़कों पर जानवरों को मारना अवैध हैं.
  • किसी भी जानवर को छेड़ना, परेशान करना या फिर चोट पहुंचाना गलत हैं. ऐसा करने पर 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन साल की सजा हो सकती हैं.

वन्य जीवों को बचाने के उठाए जाने चाहिए ये कदम

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वन्य जीवों को बचाने के उठाए जाने चाहिए ये कदम
  • जानवरों को मारने और घायल करने से बचाने के लिए कुछ कानून बनाए जाने चाहिए.
  • पूरे देश में जानवरों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

ग्वालियर। पॉश कॉलोनी में तैनात एक सुरक्षा गार्ड ने कुत्ते के पिल्ले को डंडे से पीट-पीटकर मार डाला. घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद डॉग लवर्स ने मोर्चा खोल दिया. डॉग प्रेमियों ने झांसी रोड थाने में मामला दर्ज कराया. इसी दौरान जब आरोपी थाने पहुंचा, तब उन लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी.

पिल्ले को बेरहमी से मारा


दरअसल, हरिशंकर पुरम क्षेत्र में तैनात सुरक्षा गार्ड संजय वर्मा ने सोमवार शाम कॉलोनी में घूम रहे मासूम पिल्ले को डंडे से पीटा. पिटाई से बेजुबान की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही डॉग प्रेमी मौके पर पहुंचे.

बेरहम गार्ड ने पिल्ले को पीट-पीटकर मार डाला



पूरी घटना सीसीटीवी में हुई कैद


सीसीटीवी फुटेज में गार्ड संजय बेजुबान को डंडे से पीटता नजर आ रहा हैं. डॉग लवर्स ने झांसी रोड थाने पहुंचकर आरोपी गार्ड के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इस दौरान जब आरोपी थाने पहुंचा, तो उन लोगों ने संजय को पीटना शुरू कर दिया.


शर्मनाक: ग्वालियर में कुत्ते को खुला छोड़ने से मना करने पर युवक ने बुजुर्ग दंपत्ति को पीटा



आरोपी सिक्योरिटी गार्ड पर किया मामला दर्ज


आरोपी को पीटता देख झांसी रोड थाने के आरक्षक उन्हें बचाने दौड़ पड़े. पुलिस किसी तरह संजय को थाने ले आई. इस पूरे मामले को लेकर टीआई मिर्जा आसिफ बैग का कहना है कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं. फिलहाल डॉग के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम क्या है?

आए-दिन जानवरों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था. इस अधिनियम को पारित करने का मकसत मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था. साल 2003 में इसमें संशोधन किया गया, जिसका नाम बदलकर भारतीय वन्य जीव संरक्षण(संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया. इसके तहत जुर्माने और दंडात्मक कार्रवाई को और सख्त किया गया हैं.

क्या है दंड

  • न्यूनतम दंड- 3 साल
  • अधिकतम दंड- सात साल
  • न्यूनतम आर्थिक दंड- 10 हजार रुपए
  • अधिकतम आर्थिक दंड- 25 लाख रुपए

संविधान में जानवरों को मिले हैं इंसानों जैसे अधिकार

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संविधान में जानवरों को मिले हैं इंसानों जैसे अधिकार
  • भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवकों को जहर दिया या फिर जान से मार डाला, तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती हैं. इसके साथ ही जुर्माने की कार्रवाई का भी प्रावधान है.
  • जानवरों को लंबे समय तक रस्सी से बांधना अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में तीन माह की जेल के साथ जुर्माना वसूला जाता हैं.
  • मंदिरों और सड़कों पर जानवरों को मारना अवैध हैं.
  • किसी भी जानवर को छेड़ना, परेशान करना या फिर चोट पहुंचाना गलत हैं. ऐसा करने पर 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन साल की सजा हो सकती हैं.

वन्य जीवों को बचाने के उठाए जाने चाहिए ये कदम

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वन्य जीवों को बचाने के उठाए जाने चाहिए ये कदम
  • जानवरों को मारने और घायल करने से बचाने के लिए कुछ कानून बनाए जाने चाहिए.
  • पूरे देश में जानवरों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.
Last Updated : Jun 23, 2021, 1:05 PM IST
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