ग्वालियर। जिला प्रशासन के टारगेट पर आए अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य और भाजपा नेता डॉक्टर एएस भल्ला के अस्पताल को तोड़े जाने को लेकर सिख समाज में आक्रोश है. पंजाबी समाज ने संभाग कमिश्नर से मिलकर जिला प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है.
डिविजनल कमिश्नर एमबी ओझा से मिलकर पंजाबी सिख और पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए 51 लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताया है. उनका कहना है कि 1947 के बाद जिस तरह से जुल्म पाकिस्तान में उन्होंने झेले थे, ठीक उसी तरह से अब कमलनाथ सरकार में उन्हें झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यदि अनुमति के नाम पर डॉ.भल्ला के अस्पतालों को तोड़ने की बात है, तो आधे से ज्यादा ग्वालियर में निर्माण बिना अनुमति के हैं. फिर सिर्फ डॉ. भल्ला के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों चल रही है.
ये भी पढे़ं : टारगेट पर फिर डॉ. भल्ला, कॉलेज बिल्डिंग में अवैध निर्माण पर कार्रवाई
वहीं इस मामले पर कमिश्नर ने पंजाबी और सिख समाज को आश्वस्त किया है कि, नियम विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्रशासन का काम समरसता का है और एकतरफा कार्रवाई का आरोप सही नहीं है.