ग्वालियर। RSS की प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन परिवार के सदस्यों द्वारा अपनों का उत्पीड़न रोकने के लिए कुटुंब प्रबोधन का प्रस्ताव पारित किया गया है. संघ के अनुसार परिवारों में संस्कारों की कमी आ रही है. आपसी सामंजस्य, प्रेम, सद्भाव बढ़ाना और संस्कार देना ही इसका एकमात्र उपाय है.
केदारधाम में चल रही प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन देश भर से आए स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों के बीच एक प्रस्ताव रखा गया, जिसमें भारतीय परिवार व्यवस्था मानवता के लिए अनुपम देन विषय पर विचार व्यक्त किए गए. परिवार के सदस्यों का अपने ही छोटे सदस्यों का उत्पीड़न करना, सदस्यों में प्रेम भाव नहीं होना, वृद्ध माता-पिता को वृद्ध आश्रम और अनाथालय में छोड़ना, आपस का कम्युनिकेशन गैप बढ़ना टूटते परिवारों और परिवारों में बढ़ते अपराधों के लिए जिम्मेवार हैं. इसलिए RSS ने कहा है कि परिवार व्यवस्था बनाए रखने के लिए संस्कार देना और सदस्यों के बीच उनके खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा करना परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी होनी चाहिए.
वहीं संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने पुलवामा हमले के बाद सरकार के कदम को सही ठहराया है. होसबोले ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाया था, वह सही था. कोई राष्ट्रभक्त सबूत मांगने जैसा काम नहीं करता क्योंकि पूरी दुनिया में कहीं से भी भारत की कार्रवाई पर सवाल खड़े नहीं किए गए हैं.
बाइट दत्तात्रेय होसबोले सह सरकार्यवाह