ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी अभियान को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि अगर शराब बिकना बंद हो जाए तो उससे शराबबंदी नहीं होगी. यह तो हमें और लोगों को संकल्प करना पड़ेगा, तभी शराबबंदी हो सकती है. वहीं जब उनसे मीडिया ने पूछा कि क्या आप भी शराबबंदी अभियान को लेकर लोगों के बीच में जाएंगे, तो उन्होंने इस सवाल का किनारा करते हुए कहा कि हम सब उमा जी के साथ हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शराबबंदी अभियान को लेकर लोगों के बीच में जा रहे हैं.
शराब माफियाओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई
वहीं मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश में लगातार शराब माफिया के खिलाफ हो रही कार्रवाई हो रही है और इसका नतीजा यह है कि माफिया धीरे-धीरे मध्यप्रदेश में खत्म हो रहा है. बता दें कि बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं और उन्होंने शराबबंदी के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. यहां तक की पिछले कुछ दिन पहले मंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर कहा था कि 'शराब और नशे के खिलाफ शिवराज, वीडी शर्मा भी उतने ही खिलाफ हैं जितनी मैं खिलाफ हूं. बस उनको इसी बात की दिक्कत है कि राजस्व की भरपाई कैसी होगी. लेकिन अब फिर उमा भारती अपने बयान से पलट गई हैं. उमा भारती ने कहा कि भाड़ में जाए राजस्व बंद करो ये सब.
शराबबंदी मेरी आस्था, राजस्व गया भाड़ में बंद करो सब:उमा भारती
लोग भूख से मरते हैं, मर जाएं, राजस्व गया भाड़ में'
उमा भारती ने कहा था कि मुझे शराब से इतनी नफरत है कि मेरा बस चले तो मैं शराबंदी कर दूं, लोग भूख मरते हैं तो मर जाएं, राजस्व गया भाड़ में बंद करो. उमा भारती ने दलील दी कि कोरोना में साबित हो गया शराब नहीं पीने से एक नहीं मरा. जैसे ही दुकानें खुलीं लोग मरना शुरू हो गए. इसका मतलब है कि शराब मृत्यु की कारक है, शराब बंद करना मृत्यु की कारक नहीं है.