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कांग्रेस ने तोड़ी 19 साल पुरानी परंपरा, क्या बीजेपी के हुए माधवराव सिंधिया ? - माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि

पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस माधवराव की छतरी यानी उनके समाधि स्थल पर नहीं पहुंची. जबकि बीजेपी ने यहां पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

Politics on Madhavrao Scindia's death anniversary
माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर सियासत
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Published : Sep 30, 2020, 9:52 PM IST

ग्वालियर। बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि को लेकर सियासत तेज हो गई है. माना जा रहा है कि, माधवराव अब चंबल की राजनीति में वोट बैंक के लिए कांग्रेस की मजबूरी बन गए हैं. कांग्रेस सीधे तौर पर उनसे छुटकारा नहीं पा रही है, इसलिए धीरे-धीरे उनके नाम पर होने वाले कार्यक्रमों से किनारा कर रही है. माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि को लेकर ये पिछले 19 साल में पहला मौका है, जब कांग्रेसी माधवराव की छतरी पर उन्हें श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे. हालांकि कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए माधवराव सिंधिया को अपना नेता बताया है.

माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर सियासत

कांग्रेस ने प्रभात फेरी निकालकर दी श्रद्धांजलि

हालांकि कांग्रेस ने ग्वालियर में माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर प्रभात फेरी निकालकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. लेकिन इसे केवल औपचारिकता माना जा रहा है. माधवराव सिंधिया की छतरी पर भगवा रंग ही दिखाई दिया. स्थानीय नेताओं ने यहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. बीजेपी का कहना है कि, वे हमेशा से वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते आए हैं.

भोपाल में बीजेपी के दिग्गजों ने दी श्रध्दांजलि

हालांकि इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां मौजूद नहीं थे. उन्होंने भोपाल में बीजेपी कार्यलय में आयोजित कार्यक्रम में अपने पिता को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उनके साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे.

बीजेपी के हुए माधवराव

कांग्रेस का माधवराव सिंधिया से दूर होने का सबसे बड़ा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करना है. वे पूरी तरह से भगवा रंग में ढल चुके हैं. जिसके चलते अब माधवराव सिंधिया को भी बीजेपी ने अपना लिया है.

ग्वालियर। बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि को लेकर सियासत तेज हो गई है. माना जा रहा है कि, माधवराव अब चंबल की राजनीति में वोट बैंक के लिए कांग्रेस की मजबूरी बन गए हैं. कांग्रेस सीधे तौर पर उनसे छुटकारा नहीं पा रही है, इसलिए धीरे-धीरे उनके नाम पर होने वाले कार्यक्रमों से किनारा कर रही है. माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि को लेकर ये पिछले 19 साल में पहला मौका है, जब कांग्रेसी माधवराव की छतरी पर उन्हें श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे. हालांकि कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए माधवराव सिंधिया को अपना नेता बताया है.

माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर सियासत

कांग्रेस ने प्रभात फेरी निकालकर दी श्रद्धांजलि

हालांकि कांग्रेस ने ग्वालियर में माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर प्रभात फेरी निकालकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. लेकिन इसे केवल औपचारिकता माना जा रहा है. माधवराव सिंधिया की छतरी पर भगवा रंग ही दिखाई दिया. स्थानीय नेताओं ने यहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. बीजेपी का कहना है कि, वे हमेशा से वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते आए हैं.

भोपाल में बीजेपी के दिग्गजों ने दी श्रध्दांजलि

हालांकि इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां मौजूद नहीं थे. उन्होंने भोपाल में बीजेपी कार्यलय में आयोजित कार्यक्रम में अपने पिता को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उनके साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे.

बीजेपी के हुए माधवराव

कांग्रेस का माधवराव सिंधिया से दूर होने का सबसे बड़ा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करना है. वे पूरी तरह से भगवा रंग में ढल चुके हैं. जिसके चलते अब माधवराव सिंधिया को भी बीजेपी ने अपना लिया है.

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