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ग्वालियर: पुलिस की कार्यशैली सुधारने के लिए किया गया सेमिनार का आयोजन - Gwalior IG

ग्वालियर में आयोजित सेमीनार में समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता के साथ पुलिस को पेश आना चाहिए.

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Published : Jul 13, 2019, 12:11 AM IST

ग्वालियर। समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता के साथ पुलिस को पेश आना चाहिए. सेमिनार का मकसद समाज के निचले तबके के लोगों के साथ कैस पेश आना है और एसटी एससी एक्ट के मामलों में जांच की दक्षता को विकसित करना बताया जा रहा है.

ग्वालियर में आयोजित सेमीनार

कार्यशाला में पुलिस मुख्यालय के निर्देशों पर अपने निचले स्तर के पुलिसकर्मियों से लेकर थाना स्तर, तहसील लेवल से लेकर विकासखंड स्तर तक के पुलिसकर्मियों को अपराधों की विवेचना, सबूतों को इकट्ठा करना और घटनास्थल पर पहुंचते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही इसके अलावा आंदोलन और किसी वारदात के होने के बाद पुलिसकर्मी

किस तरह का संवेदनशील रवैया बनाए रखने की बात कही गई.
इस बात का प्रशिक्षण देने के लिए ग्वालियर में ग्वालियर आशोकनगर गुना शिवपुरी जिले के करीब 65 अधिकारी सेमीनार में शामिल हुए.

ग्वालियर। समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता के साथ पुलिस को पेश आना चाहिए. सेमिनार का मकसद समाज के निचले तबके के लोगों के साथ कैस पेश आना है और एसटी एससी एक्ट के मामलों में जांच की दक्षता को विकसित करना बताया जा रहा है.

ग्वालियर में आयोजित सेमीनार

कार्यशाला में पुलिस मुख्यालय के निर्देशों पर अपने निचले स्तर के पुलिसकर्मियों से लेकर थाना स्तर, तहसील लेवल से लेकर विकासखंड स्तर तक के पुलिसकर्मियों को अपराधों की विवेचना, सबूतों को इकट्ठा करना और घटनास्थल पर पहुंचते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही इसके अलावा आंदोलन और किसी वारदात के होने के बाद पुलिसकर्मी

किस तरह का संवेदनशील रवैया बनाए रखने की बात कही गई.
इस बात का प्रशिक्षण देने के लिए ग्वालियर में ग्वालियर आशोकनगर गुना शिवपुरी जिले के करीब 65 अधिकारी सेमीनार में शामिल हुए.

Intro:एंकर--समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता' ग्वालियर की पुलिस इन दिनों इसी थिओरी पर काम कर रहे हैं... और इस थ्योरी का मकसद यह है कि ग्वालियर पुलिस के निचले तबके के जवानों ,थानेदारों और हवलदारो को आम जनता से व्यवहार के समय किस तरह से अपना शालीन व्यवहार रखना है,, और किस तरह से मामलों को गंभीर परिस्थितियों के बाद भी टैकल करना है.. इसी से अवगत कराना है... इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उनके लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है.. जिसमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर और पुलिस के अलग-अलग विभागों ट्रैफिक ,सीआईडी ,एसबी के पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग का हिस्सा बनाया गया है ,लेकिन इसके बाद भी ग्वालियर जिले की पुलिस कुछ संवेदनशील मामलों में असंवेदनशील दिखाई दे रही है ..जो इसके दूसरे चेहरे को उजागर करता है ...

Body:वीओ-1 ग्वालियर पुलिस अब पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अपने निचले स्तर के पुलिसकर्मियों से लेकर थाना स्तर , तहसील लेवल से लेकर विकासखंड स्तर तक के पुलिसकर्मियों को अपराधों की विवेचना ,सबूतों को इकट्ठा करना और घटनास्थल पर पहुंचते समय किन किन बातों का ध्यान रखना.. इसके अलावा आंदोलन और किसी वारदात के होने के बाद किस तरह का संवेदनशील रवैया रखना है ..इस बात का प्रशिक्षण देने में जुटी है.. इस उददेश्य की पूर्ति के लिए-- समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता -जैसे विषय पर पुलिस ने दो दिनी सेमिनार का आयोजन किया है ..सेमिनार का विधिवत उद्घाटन भी ग्वालियर के आईजी राजा बाबू सिंह ने किया। जिसमें ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक भी खास तौर पर मौजूद थे।


Conclusion:वीओ... ग्वालियर पुलिस की संवेदनशीलता अलग-अलग मौकों पर दिखाई देती है.. और वरिष्ठ स्तर के अधिकारी तो जनप्रतिनिधियों से लेकर आम फरियादी की फरियाद सुन कर उस पर कार्रवाई के निर्देश भी दे देते हैं ..लेकिन यह निर्देश थाना स्तर पर पहुंचते-पहुंचते संवेदनशील से असंवेदनशील की श्रेणी में बदल जाते हैं ...इसी तरह के निचले स्तर के कर्मचारियों की मानसिकता बदल कर उन पुलिसकर्मियों के संवेदनशील होने की जरूरत है ..जो केवल पुलिसिया अंदाज में हर मामलों का निराकरण वर्दी के खौफ में करते हैं...


बाइट..वीरेंद्र जैन ...एसपी..एजेके...
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