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SAF सिपाही के आत्महत्या की गुत्थी सुलझी, पैसो का दबाव बना रहे थे साथी - SAF सैनिक आत्महत्या

सात महीने पहले ग्वालियर में SAF एक जवान फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद मामले में पुलिस ने SAF के दो जवानों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर FIR दर्ज की थी. इस पूरे मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया.

SAF soldier suicide case reaveal
आत्महत्या की गुत्थी सुलझी
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Published : Sep 16, 2020, 2:31 PM IST

ग्वालियर। करीब सात महीने पहले SAF के सिपाही सत्येंद्र तोमर के आत्महत्या का राज आखिरकार खुल ही गया है. जांच में मालूम हुआ है सिपाही की खुदकुशी की वजह उसके सहकर्मी सिपाही हैं. जानकारी के मुताबिक दोनों सिपाही सूदखोर हैं. आरोपी सिपाहियों ने मृतक साथी को 20 फिसदी ब्याज पर रकम उधार दी थी. उसकी वसूली के लिए वे मृतक पर बहुत दबाव बना रहे थे. उनके खौफ से सिपाही ने फांसी लगा ली थी. पुलिस की जांच में दोषी साबित दोनों के सिपाहियों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है.

आत्महत्या की गुत्थी सुलझी

शहर के SAF 13 बटालियन के आरक्षक सतेंद्र तोमर ग्वालियर के सिकंदर कंपू क्षेत्र में रहते थे. जिनकी सुसाइड की वजह उसके ही साथी हरेंद्र चंदेल और सर्वेश राठौर बने. दोनों सत्येंद्र के साथ बटालियन में सिपाही हैं लेकिन नौकरी की आड़ में वह सूदखोरी का धंधा करते हैं. सत्येंद्र भी खर्चीला था. सिपाही की पगार में उसका गुजारा नहीं होता था. ऐसे में शौक पूरा करने के लिए उसने अपने दोनों साथी सिपाहियों से 20 फिसदी ब्याज पर रकम उधार ली थी, लेकिन मोटी रकम चुकाना उसके बस से बाहर हो गया.

मृतक सिपाही बीमार भी रहने लगा, जिसके बाद साथी सिपाही उधारी की रकम के लिए उस पर लगातार दबाव बनाने लग. ऐसे में परेशान सत्येंद्र ने फांसी लगा ली. जानकारी के मुताबिक घटना के एक दिन पहले दोनों सूदखोरों ने सतेंद्र से उधारी के पैसे वसूलने के लिए दबाव बनाया और उसकी गाड़ी छीन ली. इससे वह परेशान हो गया. 12 फरवरी 2020 की सुबह जब उसकी पत्नी बच्चे को स्कूल छोड़ने गई तो सत्येंद्र ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के बाद गैजेट्स के आदि हुए बच्चे, व्यवहार पर दिख रहा गहरा असर

जब पत्नी वापस लौटी तो पति फांसी पर लटका मिला. पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि बटालियन में सूदखोरी का धंधा दोनों सिपाही करते हैं और यहा धंधा बड़े स्तर पर जमा हुआ है. यह लोग ऐसे कर्मचारी की तलाश में रहते हैं जिन्हें कर्ज की जरूरत होती है. फिलहाल पुलिस ने दोनों SAF के जवानों खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

ग्वालियर। करीब सात महीने पहले SAF के सिपाही सत्येंद्र तोमर के आत्महत्या का राज आखिरकार खुल ही गया है. जांच में मालूम हुआ है सिपाही की खुदकुशी की वजह उसके सहकर्मी सिपाही हैं. जानकारी के मुताबिक दोनों सिपाही सूदखोर हैं. आरोपी सिपाहियों ने मृतक साथी को 20 फिसदी ब्याज पर रकम उधार दी थी. उसकी वसूली के लिए वे मृतक पर बहुत दबाव बना रहे थे. उनके खौफ से सिपाही ने फांसी लगा ली थी. पुलिस की जांच में दोषी साबित दोनों के सिपाहियों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है.

आत्महत्या की गुत्थी सुलझी

शहर के SAF 13 बटालियन के आरक्षक सतेंद्र तोमर ग्वालियर के सिकंदर कंपू क्षेत्र में रहते थे. जिनकी सुसाइड की वजह उसके ही साथी हरेंद्र चंदेल और सर्वेश राठौर बने. दोनों सत्येंद्र के साथ बटालियन में सिपाही हैं लेकिन नौकरी की आड़ में वह सूदखोरी का धंधा करते हैं. सत्येंद्र भी खर्चीला था. सिपाही की पगार में उसका गुजारा नहीं होता था. ऐसे में शौक पूरा करने के लिए उसने अपने दोनों साथी सिपाहियों से 20 फिसदी ब्याज पर रकम उधार ली थी, लेकिन मोटी रकम चुकाना उसके बस से बाहर हो गया.

मृतक सिपाही बीमार भी रहने लगा, जिसके बाद साथी सिपाही उधारी की रकम के लिए उस पर लगातार दबाव बनाने लग. ऐसे में परेशान सत्येंद्र ने फांसी लगा ली. जानकारी के मुताबिक घटना के एक दिन पहले दोनों सूदखोरों ने सतेंद्र से उधारी के पैसे वसूलने के लिए दबाव बनाया और उसकी गाड़ी छीन ली. इससे वह परेशान हो गया. 12 फरवरी 2020 की सुबह जब उसकी पत्नी बच्चे को स्कूल छोड़ने गई तो सत्येंद्र ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

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जब पत्नी वापस लौटी तो पति फांसी पर लटका मिला. पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि बटालियन में सूदखोरी का धंधा दोनों सिपाही करते हैं और यहा धंधा बड़े स्तर पर जमा हुआ है. यह लोग ऐसे कर्मचारी की तलाश में रहते हैं जिन्हें कर्ज की जरूरत होती है. फिलहाल पुलिस ने दोनों SAF के जवानों खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

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