ग्वालियर। जिले में नकली दस्तावेजों से बने दो शिक्षकों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. जिसमें शिक्षक संतोष शर्मा ने अपराधिक मामला छुपाया था, वहीं मधुप आनंद मिश्रा ने दस्तावेजों में हेरफेर कर नौकरी हासिल की थी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
ये है पूरा मामला
दरसअल थाटीपुर थाना पुलिस को शासकीय हाई स्कूल सुपावली मुरार में पदस्थ शिक्षक संतोष बाबू शर्मा के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने अपना अपराधिक रिकॉर्ड को छुपाते हुए नौकरी पाई है. संतोष बाबू शर्मा ने वर्ष 2006 में व्यापमं परीक्षा में 62 अंक की हेराफेरी कर 102 नंबर में बदल दिया था. ये छेड़छाड़ पकड़ी गई और गोहद थाना भिंड में अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था. इसके बाद भी 2007 में उसने ग्वालियर में संविदा पर नियुक्ति ले ली. जिसके बाद वो लगातार कार्य करता रहा. वर्ष 2010 में तत्कालीन अफसरों ने उसका शिक्षा विभाग में संविलियन भी करा दिया.
15 जनवरी 2013 को उसे 2006 में हुए अपराधिक प्रकरण में गिरफ्तार किया गया. वो करीब 56 दिन उपजेल गोहद भिंड में बंद रहा. इसके बाद भी यहां से उसका वेतन निकलता रहा. ऐसा संभव ही नहीं है. इसलिए उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.
वहीं दूसरे शिक्षक मधुप आनंद मिश्रा के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. वर्ष 2009 में आयु सीमा छुपाकर इन्होंने नियुक्ति ली, लेकिन जब दस्तावेज में उनकी गलती पकड़ी गई तो शिकायत हुई थी. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल पुलिस ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी है.