ग्वालियर। नर्सिंग भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के शक पर पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस थमाया है. अब पुलिस स्वास्थ्य विभाग के ऑफिस के चक्कर नहीं काटेगी. विभाग के अधिकारी परीक्षा का पूरा ब्यौरा लेकर तीन दिन में थाने पहुंचेंगे. जिससे कार्रवाई की जा सके.
कारोबारी राजीव गोविला के पकड़े जाने पर, उसकी कार से पुलिस को नकली मार्कशीट और सरकारी विभाग की सील मिली थीं. जिसमें श्योपुर में पदस्थ नर्स ममता मित्तल की बारहवीं की परीक्षा सहित नर्सिंग की बैचलर की मार्कशीट और आधार कार्ड सहित तमाम दस्तावेज मिले थे. राजीव ने पूछताछ में कई खुलासे किए. जिसके बाद नर्स के पद पर की गई भर्ती शक के दायरे में आ गई.
नकली मार्कशीट पकड़े जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग लगातार 2013 की नर्सिंग भर्ती परीक्षा का ब्यौरा देने से कतरा रहा है. क्योंकि इसी परीक्षा के जरिए पुलिस रिकॉर्ड में वांटेड नर्स ममता मित्तल की भर्ती हुई है. पुलिस का कहना है कि, ममता ने नर्सिंग की पढ़ाई के जिन दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की, वह फर्जी है. स्वास्थ्य विभाग ने ही उनकी तस्दीक की है. अब विभाग यह नहीं बता पा रहा है कि आखिर नकली दस्तावेजों के आधार पर ममता को नर्स की नौकरी कैसे दी गई.
उसके दस्तावेजों का तुरंत सत्यापन क्यों नहीं कराया गया. फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत सामने आई है. विभाग पुलिस को भर्ती परीक्षा का ब्यौरा थमाता है, तो परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले कई लोग शिकंजे में आएंगे. नर्सिंग भर्ती की 2013 में हुई परीक्षा में कुल 13 लोगों को चुना गया था. जिसके बारे में पुलिस स्वास्थ विभाग से लगातार जानकारी मांग रही है, लेकिन स्वास्थ्य महकमें ने ममता सहित सिर्फ तीन लोगों के नामों का खुलासा किया है. बाकी लोगों के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं.