ग्वालियर। मजदूर परिवार से उसकी 13 साल की बेटी को पालने के बहाने उसे मुंबई के रेड लाइट एरिया में बेचने की डील करने वाले दो जिस्म फरोशों को ग्वालियर पुलिस ने पकड़ा हैं. दोनों सौदागर नाबालिग को करीब एक साल से घर में रखे थे. मुंबई के देह व्यापार के लोगों से डील डन होने से पहले खरीदारों ने सौदा करने वालों को नाबालिग के साथ मुंबई बुलाया था, जहां दोनों उसे लेकर मुंबई रवाना होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. वहीं पुलिस को इनपुट मिला था कि बस्ती में और भी लड़कियां मिल सकती है जिनका सौदा किया जा रहा है.
दरअसल शिवपुरी जिला निवासी पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि भोला और मनीष करीब एक साल पहले उनकी बेटी को ग्वालियर लाए थे, उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से दंपति शिवपुरी से ग्वालियर आकर बेटी से रूबरू मिलने का खर्चा नहीं उठा सकते थे, इसलिए पड़ोसी के मोबाइल से वीडियो कॉल कर बेटी से बात करते थे. हर बार दोनों सौदागर उन्हें यही बताते थे उनकी लड़की खुश है और उनकी बातों पर भरोसा कर माता पिता खुश होते रहते थे.
लेकिन कुछ दिन पहले माता पिता को पता चला कि उनकी बेटी को बहाने से घर ले गए भोला और मनीष धनावत का असली धंधा कुछ और है. वे उनकी बेटी को मुंबई में देह कारोबारियों को बेचने वाले हैं तो माता-पिता घबरा गए और पुलिस से इसकी शिकायत की. माता-पिता के द्वारा मुंबई में सौदा करने की जानकारी मिलने पर क्राइम ब्रांच और पुरानी छावनी पुलिस ने बदनापुरा में दबिश देकर उसे छुड़ाया और आरोपियों को धर दबोचा.
बडे़ रैकेट के खुलासे की उम्मीद
पकड़े गए लोगों के नाम भोला और मनीष धनावत है, जिनका ताल्लुक मुंबई और नागपुर में जिस्म फरोशी का कारोबार करने वालों से है. वहां लड़कियों की डिमांड रहती है, इसलिए दोनों ऐसे परिवार की तलाश में थे जिसमें लडकियां हों और उसकी माली हालत खराब हो. फिलहाल पुलिस को पकड़े गए आरोपियों से लड़कियों की खरीद फरोख्त और उन्हें जिस्म कारेाबारियों के ठिकाने पर बेचने से जुडे़ बडे़ रैकेट का खुलासा होने की उम्मीद है.