ग्वालियर। जिला अस्पताल मुरार में पदस्थ स्टाफ नर्स ज्योति शर्मा द्वारा आत्महत्या की कोशिश के मामले में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है. गुरुवार को मेडिसिन वार्ड में स्टाफ बढ़ाने की मांग को लेकर हुए विवाद के बाद नर्स ज्योति शर्मा ने बड़ी संख्या में नींद की गोलियां खा ली थी और अपने को एक कमरे में बंद कर लिया था. नर्स ने आरएमओ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है.
इस घटना में नर्स ने 2 पेज के सुसाइड नोट को व्हाट्सएप पर मतगणना में लगे कलेक्टर को भेजा था. कलेक्टर ने तत्काल सीएमएचओ और पुलिस को मौके पर भेजा था. जिसके बाद किसी तरह नर्स से कमरे का दरवाजा खुलवाया गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. जिला अस्पताल में प्रतिकूल सीजन के चलते मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, लेकिन मेडिसिन वार्ड में सिर्फ एक ही नर्स पदस्थ है. दूसरी नर्स को अटैच किया गया था, लेकिन उसे भी मेट्रन निर्मला लूकस ने दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया.
इस बीच ज्योति शर्मा का 2 दिन के लिये दिल्ली जाना हुआ, तो मरीजों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई. सीएमएचओ डॉ. मृदुल सक्सेना से नर्स ने शिकायत की, तो उसे नोटिस देने को कहा गया. इससे परेशान होकर ज्योति ने नींद की गोलियां खा लीं. स्टाफ नर्स के पति ने भी पुलिस को एक आवेदन दिया है, जिसमें उसने डॉक्टर विपिन गोस्वामी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई. पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है.