ग्वालियर। जिले के जीवाजी विश्वविद्यालय में पीएचडी कर अपना भविष्य संवारने का सपना संजोने वाले छात्रों को पिछले 2 सालों से झटका लग रहा है. विश्वविद्यालय में छात्रों की न तो प्रवेश परीक्षा आयोजित हो रही है, और न ही कोर्स वर्क की परीक्षाएं, परीक्षा आयोजित न करने का विश्वविद्यालय के पास कोई ठोस आधार भी नहीं है.
गौरतलब है कि इस बार जरूर कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले 2019 में प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम जानकारी लेने पहुंची, तो अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आए. बता दें कि पीएचडी छात्रों ने अपना कोर्स वर्क 6 महीने का पूरा कर लिया है, उनकी भी परीक्षाएं नहीं कराई गई हैं. पिछले दिनों जब कार्य परिषद सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की, तब उसके बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 दिसंबर से कोर्स वर्क की परीक्षाएं कराने का कार्यक्रम घोषित किया.
वहीं कोर्स वर्क पूरा कर चुके छात्रों से विश्वविद्यालय पूरी फीस भी वसूल चुके हैं. वहीं जीवाजी विश्वविद्यालय में 900 से ज्यादा सीटें हैं, जिनमें ग्वालियर सहित देश के कई राज्यों के छात्र शोध कार्य करने के लिए प्रवेश लेते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में चल रही लापरवाही का खामियाजा शोध के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि काफी दवाब के बाद कोर्स वर्क की परीक्षाएं 17 दिसंबर से शुरू होने वाली हैं.