ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दूध और इससे बने उत्पादों में मिलावट रोकने संबंधी अवमानना याचिका पर सुनवाई की. जहां मुख्य सचिव कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और खाद्य सुरक्षा विभाग के कमिश्नर का शपथ पत्र तलब किया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में स्थापित होने वाली लेबोरेटरी के बारे में भी जानकारी तलब की है कि यह लैबोरेट्री कब तक शुरू होगी. वहीं जिला स्तर पर खाद्य एवं दूध पदार्थों में होने वाली मिलावट को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन किस तरह से कार्रवाई कर रहा है.
मिलावट को लेकर दायर हुई थी याचिका
इस बारे में भी हाई कोर्ट के ग्वालियर जूरिडिक्शन के सभी 9 जिलों के कलेक्टरों से रिपोर्ट भी मांगी गई है. खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने जिला प्रशासन ने अब तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं. इसके बारे में भी रिपोर्ट कोर्ट द्वारा मांगी गई है. अब इस मामले पर सुनवाई 24 जनवरी को होगी. उल्लेखनीय है कि दिवंगत अधिवक्ता उमेश बोहरे ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि भिंड और मुरैना में मिलावटी दूध और मावे का बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है. वहीं इन दूध से बने उत्पादों को देश प्रदेश के दूर दराज हिस्सों में भी भेजा जाता है. जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
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9 जिलों के कलेक्टरों और खाद्य सुरक्षा अधिकारी हुए थे तलब
इस पर हाईकोर्ट ने मिलावट रोकने सरकार को निर्देश दिए थे, लेकिन जब निर्देशों का पालन नहीं हुआ तब स्वर्गीय उमेश बोहरे ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान बोहरे का देहांत हो गया. इसके बाद कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई जारी रखी. पूर्व में हाई कोर्ट के ग्वालियर जूरिडिक्शन के तहत आने वाले सभी 9 जिलों के कलेक्टरों के शपथपत्र एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस मामले में तलब किया जा चुका है. उनके द्वारा की गई कार्रवाई पर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी. कोर्ट द्वारा याचिका में सुनवाई करते हुए मंगलवार को अब मुख्य सचिव कार्यालय से वरिष्ठ अधिकारी एवं खाद्य सुरक्षा आयुक्त का शपथ पत्र तलब किया है.