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संदिग्ध MBBS छात्र की डिग्री निरस्त, हाई कोर्ट में दायर की याचिका, तो लगा जुर्माना - हाईकोर्ट ग्वालियर

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने निलंबित हो चुके एक मेडिकल छात्र की याचिका खारिज करते हुए उस पर दस हजार रुपये जुर्मान लगाया है. हलांकि इससे पहले गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन ने उसके एडमिशन को निरस्त कर दिया था.

Student's petition dismissed
छात्र की याचिका खारिज
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Published : Jun 6, 2020, 5:00 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने निलंबित हो चुके एक मेडिकल छात्र की याचिका खारिज करते हुए उस पर दस हजार रुपये जुर्मान लगाया है. आरोपी सुरेंद्र कुमार मौर्य ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, लेकिन उसका नाम संदिग्ध छात्रों की सूची में था. इसलिए उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला झांसी रोड थाने में दर्ज है.

छात्र की याचिका खारिज

गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन ने उसके एडमिशन को निरस्त कर दिया था. हालांकि इस दौरान छात्र एमबीबीएस कर चुका था. एक बार पहले भी उसने डीन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, उस याचिका को भी खारिज कर दिया गया था. वहीं सीबीआई का कहना है कि, आरोपी छात्र सुरेंद्र मौर्य द्वारा इंटर्नशिप इसलिए नहीं की जा सकती, क्योंकि उसकी एमबीबीएस की डिग्री निरस्त की जा चुकी है.

इस मामले में कोर्ट का कहना है कि, याचिकाकर्ता ने तथ्यों को छुपाया है और कोर्ट का समय बर्बाद किया है, इसलिए उस पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है, ये राशि पीएम केयर फंड में जमा की जाएगी, बता दें कि, छात्र सुरेंद्र मौर्य ने पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी करके ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था, उसने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी भी कर ली. लेकिन 2013 में पीएमटी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सुरेंद्र मौर्य का नाम सामने आया, तो डीन ने उसे निलंबित कर दिया साथ ही उसकी डिग्री भी निरस्त कर दी गई.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने निलंबित हो चुके एक मेडिकल छात्र की याचिका खारिज करते हुए उस पर दस हजार रुपये जुर्मान लगाया है. आरोपी सुरेंद्र कुमार मौर्य ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, लेकिन उसका नाम संदिग्ध छात्रों की सूची में था. इसलिए उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला झांसी रोड थाने में दर्ज है.

छात्र की याचिका खारिज

गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन ने उसके एडमिशन को निरस्त कर दिया था. हालांकि इस दौरान छात्र एमबीबीएस कर चुका था. एक बार पहले भी उसने डीन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, उस याचिका को भी खारिज कर दिया गया था. वहीं सीबीआई का कहना है कि, आरोपी छात्र सुरेंद्र मौर्य द्वारा इंटर्नशिप इसलिए नहीं की जा सकती, क्योंकि उसकी एमबीबीएस की डिग्री निरस्त की जा चुकी है.

इस मामले में कोर्ट का कहना है कि, याचिकाकर्ता ने तथ्यों को छुपाया है और कोर्ट का समय बर्बाद किया है, इसलिए उस पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है, ये राशि पीएम केयर फंड में जमा की जाएगी, बता दें कि, छात्र सुरेंद्र मौर्य ने पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी करके ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था, उसने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी भी कर ली. लेकिन 2013 में पीएमटी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सुरेंद्र मौर्य का नाम सामने आया, तो डीन ने उसे निलंबित कर दिया साथ ही उसकी डिग्री भी निरस्त कर दी गई.

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