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स्वर्णरेखा नदी के तल को पक्का किए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर

ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी के तल को सीमेंट कंक्रीट का बनाकर उसे पक्का किए जाने के खिलाफ, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.

स्वर्णरेखा नदी
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Published : Oct 12, 2019, 5:53 PM IST

ग्वालियर। शहर के बीचो-बीच से बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी के तल को सीमेंट कंक्रीट का बनाकर उसे पक्का किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें मांग की गई है कि नदी को पुराने स्वरूप में लौटाया जाए, ताकि शहर का वाटर लेवल बना रहे और शहर की सिंचाई योग्य जमीन को सींचा जा सके.

स्थानीय वकील विश्वजीत रतौनिया ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि, शहर का जलस्तर दिनों दिन कम होता जा रहा है और चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. इसका प्रमुख कारण शहर के बीच से बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी को पक्का किया जाना है. तत्कालीन भाजपा सरकार ने स्वर्ण रेखा नदी को सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दिया था, जिससे बारिश का पानी जमीन में नहीं समाता है और बहके शहर से बाहर निकल जाता है.

इसे लेकर कुछ जागरूक नागरिकों ने कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए और जिम्मेदार अफसरों को ज्ञापन भी सौंपे, लेकिन ऐसा कोई नतीजा नहीं निकला. हाई कोर्ट ने इस मामले में संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, निगम कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के सीईओ और शहर के तीनों जनप्रतिनिधि विधायक प्रवीण पाठक, प्रदुम्न तोमर, मुन्नालाल गोयल को भी नोटिस जारी किए हैं और चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

ग्वालियर। शहर के बीचो-बीच से बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी के तल को सीमेंट कंक्रीट का बनाकर उसे पक्का किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें मांग की गई है कि नदी को पुराने स्वरूप में लौटाया जाए, ताकि शहर का वाटर लेवल बना रहे और शहर की सिंचाई योग्य जमीन को सींचा जा सके.

स्थानीय वकील विश्वजीत रतौनिया ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि, शहर का जलस्तर दिनों दिन कम होता जा रहा है और चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. इसका प्रमुख कारण शहर के बीच से बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी को पक्का किया जाना है. तत्कालीन भाजपा सरकार ने स्वर्ण रेखा नदी को सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दिया था, जिससे बारिश का पानी जमीन में नहीं समाता है और बहके शहर से बाहर निकल जाता है.

इसे लेकर कुछ जागरूक नागरिकों ने कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए और जिम्मेदार अफसरों को ज्ञापन भी सौंपे, लेकिन ऐसा कोई नतीजा नहीं निकला. हाई कोर्ट ने इस मामले में संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, निगम कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के सीईओ और शहर के तीनों जनप्रतिनिधि विधायक प्रवीण पाठक, प्रदुम्न तोमर, मुन्नालाल गोयल को भी नोटिस जारी किए हैं और चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

Intro:ग्वालियर
शहर के बीचो बीच से बहने वाली स्वर्णरेखा नदी के तल को सीमेंट कंक्रीट का बनाकर उसे पक्का किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें मांग की गई है कि नदी को पुराने स्वरूप में लौटाया जाए ताकि शहर का वाटर लेवल बना रहे और शहर की सिंचाई योग्य जमीन को सींचा जा सके।


Body:दरअसल स्थानीय अधिवक्ता विश्वजीत रतौनिया ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है जिसमें मांग की गई है कि शहर का जलस्तर दिनों दिन कम होता जा रहा है और चिंताजनक स्थिति मे पहुंच गया है इसका प्रमुख कारण शहर के बीचो बीच से बहने वाली स्वर्णरेखा नदी को करीब डेढ़ दशक पहले पक्का किया जाना है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने स्वर्णरेखा नदी को सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दिया था जिससे बारिश का पानी जमीन में नहीं समाता है और बहके शहर से बाहर निकल जाता है।


Conclusion:इसे लेकर कुछ जागरूक नागरिकों ने कई बार धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए और जिम्मेदार अफसरों को ज्ञापन भी सौंपे लेकिन ऐसा कोई नतीजा नहीं निकला तब एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई हाई कोर्ट ने इस मामले में संभागीय आयुक्त कलेक्टर निगम कमिश्नर स्मार्ट सिटी के सीईओ और शहर के तीनों जनप्रतिनिधि विधायक प्रवीण पाठक प्रदुमन तोमर मुन्नालाल गोयल को भी नोटिस जारी किए हैं और 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
बाइट विश्वजीत रतौनिया... याचिकाकर्ता अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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