ग्वालियर। शहर इन दिनों लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है. पिछले 2 सप्ताह से शहर में लॉकडाउन जारी है. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब तबके के मजदूरों को उठाना पड़ रहा है जो रोजाना काम करते हैं और रोजाना होने वाली कमाई से अपने घर का चूल्हा जलाते हैं. इन लोगों को पिछले 15 दिनों से कोई भी काम लॉकडाउन के कारण नहीं मिला है अब यह लोग पूरी तरह शहर में विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और लोगों द्वारा बांटे जाने वाले खाने पर निर्भर हैं.
ग्वालियर के कटोरा ताल के थीम रोड स्थित सड़क किनारे बैठे लोगों में उस समय भगदड़ सी मच जाती है जब कोई खाना बांटने वाले लोग गाड़ियों से वहां आते हैं. इस दौरान खाने के पैकेट लेने के लिए लोगों में होड़ सी मच जाती है. फिर उस समय ना तो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं और ना ही वे मास्क जैसे सेफ्टी मेज़रमेंट को अपनाते हैं.
ग्वालियर के अचलेश्वर मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में इन दिनों लोगों का हुजूम बैठा रहता है. मंगलवार को भीम रोड पर मजदूर और गरीब तबके के लोगों को खाने बांटने आई गाड़ी के बाहर लोगों की इतनी भीड़ जमा हो गई थी कई बार खाने के पैकेट फेंकने जैसी नौबत आ गई. बाद में उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देकर अलग अलग किया गया.
मजदूरों का कहना है कि कुछ लोग संपन्न होने के बाद भी खाना लेने की होड़ में जुट जाते हैं जबकि वे इसके असली हकदार नहीं हैं .