ग्वालियर। कोरोना काल का असर हर वर्ग पर पड़ा है और लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक में धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. वैसे तो प्रदेश के अंदर बसों के संचालन के लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन आदेश के बाद इतना समय हो जाने पर भी जिले में बसों का संचालन नहीं हो रहा है. बस मालिक अपनी मांगों पर डटे हुए हैं तो दूसरी ओर सरकार इस मसले को लेकर अब तक कोई ठोस फैसला भी नहीं कर सकी है. आलम ये है कि बस के पहिए जिले में पूरी तरह से थमे हुए हैं.
परिवहन विभाग सुस्त
निजी बस ऑपरेटर और राज्य शासन के बीच कोरोना काल के टैक्स को लेकर चल रहे विवाद का निराकरण नहीं होने का खामियाजा आम यात्री भुगत रहे हैं. बस ऑपरेटरों ने बसों के पहिए जाम कर रखे हैं, उनका कहना है कि पहले सरकार उनका तीन माह का रोड टैक्स और अन्य खर्चे माफ करे, उसके बाद ही बसों को ऑन रोड करेंगे. कुछ निजी बस ऑपरेटर ग्वालियर से शिवपुरी, झांसी और छतरपुर सहित भिंड के लिए सेवाएं संचालित कर रहे हैं, लेकिन वह यात्रियों से दोगुना किराया वसूल रहे हैं. जिस पर परिवहन विभाग अपनी ओर से आंखें मूंदे बैठा है.
यात्री दे रहे दोगुना किराया
लोगों को बस स्टैंड पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. ग्वालियर चंबल संभाग में भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, डबरा और उत्तरप्रदेश में झांसी के लिए हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं अधिकांश लोग अपनी यात्राओं को टाल रहे हैं. जिन लोगों को यात्रा करनी है वे अपने वाहनों से जा रहे हैं. लेकिन जिनके पास ये सुविधाएं नहीं हैं, वे दोगुना किराया देकर यात्रा करने को मजबूर हैं.
सरकार नहीं ले पाई कोई निर्णय
कई राज्यों में सरकार ने बस आपरेटरों का कोरोना काल में लगे लॉकडाउन का टैक्स माफ किया है, लेकिन मध्यप्रदेश में सरकार इस बारे में कोई निर्णय नहीं ले पा रही है, जिससे बस ऑपरेटर खुलकर वाहनों का संचालन नहीं कर पा रहे हैं, ऊपर से जो इक्का-दुक्का वाहन चल रहे हैं, वो भी यात्रियों से मनमाफिक किराया वसूल रहे हैं.