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किसान आंदोलन: नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र से शुरू होगी पदयात्रा, समर्थन में एकता परिषद - केंद्रीय मंत्री के संसदीय क्षेत्र से शुरू होगी पदयात्रा

तीन नये कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की लड़ाई अब कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही एकता परिषद ने भी किसान आंदोलन को आपना समर्थन दे दिया है.

Ekta Parishad's support to farmers of movement
किसान आंदोलन को एकता परिषद का समर्थन
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Published : Dec 16, 2020, 8:54 PM IST

ग्वालियर। देश में कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अब एकता परिषद का भी समर्थन मिलने जा रहा है. एकता परिषद गुरुवार यानी 17 दिसंबर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से दिल्ली तक पदयात्रा निकालेगी. इस पदयात्रा में मध्य प्रदेश के सभी जिलों से किसान और आम लोग शामिल होंगे.

किसान आंदोलन को एकता परिषद का समर्थन

किसानों के साथ एकता परिषद

आज एकता परिषद के संस्थापक और गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने ईटीवी भारत से बात की. ईटीवी भारत से बात करते हुए राजगोपाल पीवी ने कहा इस समय पूरे देश भर का किसान दिल्ली की सड़कों ठंड में पड़ा है. वह अपनी मांगों को लेकर लगातार केंद्र सरकार के द्वारा लाये गये कृषि कानून का विरोध कर रहा है और अब हमारी एकता परिषद भी किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसानों का समर्थन करेगी.

हर जिले से शामिल होंगे किसान

राजगोपाल पीवी ने बताया कि कल हम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से इस पद यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह पदयात्रा मुरैना से शुरू होकर दिल्ली जाएगी. जिसमें लगभग एक हजार की संख्या में मध्य प्रदेश के हर जिले से किसान शामिल होंगे. गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कम्युनिस्ट, कांग्रेस और विपक्षी पार्टी में तोड़ने की कोशिश कर रही है बल्कि ऐसा नहीं है, किसान तो किसान होता है और यही वजह है कि दिल्ली की सड़कों पर देश का किसान आंदोलन कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसानों का मामला

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जियों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सरकार को किसान संगठनों और दूसरे पक्षों को शामिल करते हुए एक कमेटी बनानी चाहिए.

ग्वालियर। देश में कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अब एकता परिषद का भी समर्थन मिलने जा रहा है. एकता परिषद गुरुवार यानी 17 दिसंबर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से दिल्ली तक पदयात्रा निकालेगी. इस पदयात्रा में मध्य प्रदेश के सभी जिलों से किसान और आम लोग शामिल होंगे.

किसान आंदोलन को एकता परिषद का समर्थन

किसानों के साथ एकता परिषद

आज एकता परिषद के संस्थापक और गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने ईटीवी भारत से बात की. ईटीवी भारत से बात करते हुए राजगोपाल पीवी ने कहा इस समय पूरे देश भर का किसान दिल्ली की सड़कों ठंड में पड़ा है. वह अपनी मांगों को लेकर लगातार केंद्र सरकार के द्वारा लाये गये कृषि कानून का विरोध कर रहा है और अब हमारी एकता परिषद भी किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसानों का समर्थन करेगी.

हर जिले से शामिल होंगे किसान

राजगोपाल पीवी ने बताया कि कल हम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से इस पद यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह पदयात्रा मुरैना से शुरू होकर दिल्ली जाएगी. जिसमें लगभग एक हजार की संख्या में मध्य प्रदेश के हर जिले से किसान शामिल होंगे. गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कम्युनिस्ट, कांग्रेस और विपक्षी पार्टी में तोड़ने की कोशिश कर रही है बल्कि ऐसा नहीं है, किसान तो किसान होता है और यही वजह है कि दिल्ली की सड़कों पर देश का किसान आंदोलन कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसानों का मामला

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जियों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सरकार को किसान संगठनों और दूसरे पक्षों को शामिल करते हुए एक कमेटी बनानी चाहिए.

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