ग्वालियर। देश में लॉकडाउन का पांचवा दिन है. लोग घरों के अंदर कैद हैं. लेकिन एक तबका ऐसा है, जो इस समय भयंकर त्रासदी का सामना कर रहा है. जो लोग अपनी मेहनत पर दूसरों के आशियाने खड़ी करते हैं, वो आज मुसीबत में हैं. लॉकडाउन में पूरा देश घर के अंदर है.
आज ईटीवी भारत की टीम जब मध्यप्रदेश-राजस्थान बॉर्डर पर पहुंची तो वहां का नजारा काफी निराश करने वाला था. जो लोग अपनी दो वक्त की रोटी के लिए घर से दूर रहकर मजदूरी करते हैं, आज वहीं लोग इस लॉकडाउन में अपने घर आने के लिए लंबी दूरी तय करके पैदल अपने घर पहुंच रहे हैं. इस दौरान उन्हें सिर्फ एक चिंता खाई जा रही है कि इस लंबी दूरी तय करने में कहीं उनके या उनके बच्चों की भूख से जान न चली जाए. ये लोग हजारों की संख्या में अपने पूरे परिवार को लेकर पैदल आ रहे हैं. उनके साथ छोटे-छोटे मासूम बच्चे पैदल चल रहे हैं. उनमें कइयों को ये भी नहीं पता कि हम किस त्रासदी का दंश झेल रहे हैं.
जब ईटीवी भारत ने पैदल चल रही 75 साल की एक बुजुर्ग महिला से बात की तो वह फफक-फफक कर रोने लगी और कहने लगी कि मैं दिल्ली से 4 दिन से पैदल आ रही हूं. इस दौरान मैंने कुछ भी नहीं खाया है और मेरे पैरों में छाले पड़ गए हैं. अब तो भगवान ही मुझे बचाएगा. पता नहीं, मैं जिंदा रहूंगी या नहीं.