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बाढ़ के बाद महामारी का खतरा! बढ़ने लगी डेंगू, मलेरिया, डायरिया के मरीजों की संख्या - ग्वालियर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में महामारी

ग्वालियर-चंबल इलाके में गांवों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब बीमारियों के फैलने का अंदेशा जताया जा रहा है. कई बाढ़ग्रस्त इलाकों के ग्रामीण अब डेंगू, मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.

MP के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब महामारी फैलने का अंदेशा
MP के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब महामारी फैलने का अंदेशा
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Published : Aug 16, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 10:32 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब महामारी का डर सताने लगा है. कई गांवों से पानी निकलने के बाद उल्टी दस्त जैसी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गंदा पानी, कीचड़ और मच्छरों की वजह से कई लोग त्वचा संबंधी रोगों के भी शिकार हो रहे हैं. इन इलाकों में त्वचा संबंधी रोगों के शिकार मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं अब यहां डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का भी डर लोगों को सता रहा है.

बाढ़ के बाद महामारी का खतरा

ग्रामीणों का दावा फैल रही है महामारी

बाढ़ग्रस्त इलाकों के ग्रामीणों का दावा है कि इलाके में अब डेंगू, मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इतने दिनों बाद भी उनके इलाके में स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है. इसका विरोध करते हुए कई ग्रामीणों ने पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया. पूर्व मंत्री लाखन सिंह भी इन ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए.

गंदे पानी से फैल रही है डायरिया जैसी बीमारी

ग्वालियर चंबल अंचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को गंदा पानी मिल रहा है क्योंकि अभी भी गांव में पानी और मलबे की परतें बिछी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर है. यही कारण है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में सबसे ज्यादा मरीज डायरिया के सामने आ रहे हैं. सरकार के मंत्रियों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में खाना और स्वच्छ जल मुहैया करवाने के वादे किए थे लेकिन वो वादे अब पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं.

बाढ़ के बाद घरों में फैला कीचड़
बाढ़ के बाद घरों में फैला कीचड़

सरकार के मंत्री ने किए तमाम व्यवस्था के दावे

मध्य प्रदेश सरकार के जलसंसाधन मंत्री और ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने दावा किया था कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद इलाकों में न सिर्फ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी, जबकि जिनके मकान बह गए हैं, उन्हें मकान दिया जाएगा. लेकिन मुआवजा नहीं मिलने और स्वास्थ्य सुविथाएं नहीं मिलने का आरोप लगा चुके हैं.

'भगवान शिव फैमिली मैनेजमेंट गुरू और शिवपुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ'

कांग्रेस ने खोखले वादे करने का लगाया आरोप

कांग्रेस का आरोप सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है. बाढ़ के बाद महामारियां तो फैलती ही है. यह बातें सरकार को भी पता है लेकिन कांग्रेस की सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार बाढ़ राहत कार्यों की समय अवधि बताए कि किस प्रकार से सरकार क्या क्या काम करेगी. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इसलिए कोई योजना नहीं बता रही है, क्योंकि उनके पास कोई योजना नहीं है.

बाढ़ के बाद कीचड़ में पनप रहे हैं मच्छर
बाढ़ के बाद कीचड़ में पनप रहे हैं मच्छर

स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमें कर रही है काम

इधर ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीश शर्मा का कहना है कि "ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग की 13 टीम काम कर रही है, ये टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही है. साथ ही भोपाल से आए निर्देशों के अनुसार हैंड बिल छपवाने का काम शुरू हो गया है, इन हैंड बिल पर बाढ़ के बाद आने वाली बीमारियों की जानकारी और इनसे बचने के उपाय छपवाएं गए हैं, इन हैंड बिलों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में बंटवाया जाएगा."

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब महामारी का डर सताने लगा है. कई गांवों से पानी निकलने के बाद उल्टी दस्त जैसी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गंदा पानी, कीचड़ और मच्छरों की वजह से कई लोग त्वचा संबंधी रोगों के भी शिकार हो रहे हैं. इन इलाकों में त्वचा संबंधी रोगों के शिकार मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं अब यहां डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का भी डर लोगों को सता रहा है.

बाढ़ के बाद महामारी का खतरा

ग्रामीणों का दावा फैल रही है महामारी

बाढ़ग्रस्त इलाकों के ग्रामीणों का दावा है कि इलाके में अब डेंगू, मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इतने दिनों बाद भी उनके इलाके में स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है. इसका विरोध करते हुए कई ग्रामीणों ने पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया. पूर्व मंत्री लाखन सिंह भी इन ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए.

गंदे पानी से फैल रही है डायरिया जैसी बीमारी

ग्वालियर चंबल अंचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को गंदा पानी मिल रहा है क्योंकि अभी भी गांव में पानी और मलबे की परतें बिछी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर है. यही कारण है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में सबसे ज्यादा मरीज डायरिया के सामने आ रहे हैं. सरकार के मंत्रियों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में खाना और स्वच्छ जल मुहैया करवाने के वादे किए थे लेकिन वो वादे अब पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं.

बाढ़ के बाद घरों में फैला कीचड़
बाढ़ के बाद घरों में फैला कीचड़

सरकार के मंत्री ने किए तमाम व्यवस्था के दावे

मध्य प्रदेश सरकार के जलसंसाधन मंत्री और ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने दावा किया था कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद इलाकों में न सिर्फ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी, जबकि जिनके मकान बह गए हैं, उन्हें मकान दिया जाएगा. लेकिन मुआवजा नहीं मिलने और स्वास्थ्य सुविथाएं नहीं मिलने का आरोप लगा चुके हैं.

'भगवान शिव फैमिली मैनेजमेंट गुरू और शिवपुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ'

कांग्रेस ने खोखले वादे करने का लगाया आरोप

कांग्रेस का आरोप सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है. बाढ़ के बाद महामारियां तो फैलती ही है. यह बातें सरकार को भी पता है लेकिन कांग्रेस की सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार बाढ़ राहत कार्यों की समय अवधि बताए कि किस प्रकार से सरकार क्या क्या काम करेगी. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इसलिए कोई योजना नहीं बता रही है, क्योंकि उनके पास कोई योजना नहीं है.

बाढ़ के बाद कीचड़ में पनप रहे हैं मच्छर
बाढ़ के बाद कीचड़ में पनप रहे हैं मच्छर

स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमें कर रही है काम

इधर ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीश शर्मा का कहना है कि "ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग की 13 टीम काम कर रही है, ये टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही है. साथ ही भोपाल से आए निर्देशों के अनुसार हैंड बिल छपवाने का काम शुरू हो गया है, इन हैंड बिल पर बाढ़ के बाद आने वाली बीमारियों की जानकारी और इनसे बचने के उपाय छपवाएं गए हैं, इन हैंड बिलों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में बंटवाया जाएगा."

Last Updated : Aug 16, 2021, 10:32 PM IST
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