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ग्वालियर विकास प्राधिकरण की आधा दर्जन योजनाओं पर लगा कानूनी ग्रहण

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Published : Mar 10, 2019, 3:25 PM IST

ग्वालियर| ग्वालियर विकास प्राधिकरण की ज्यादातर योजनाएं धरातल पर साकार नहीं हो पा रही हैं. बताया जा रहा है कि योजनाओं के लिए जो जमीन आवंटित की गई है उस पर किसी ना किसी ने कब्जा किया हुआ है. लिहाजा विकास प्राधिकरण की करीब आधा दर्जन योजनाओं पर कोर्ट में मामले चल रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने शहर के लोहिया बाजार को शिवपुरी लिंक रोड पर बनाने के लिए व्यावसायिओं को 15 साल पहले जमीन आवंटित की थी. कई कारोबारियों ने प्राधिकरण में अपना पैसा भी जमा करा दिया था. लेकिन एक किसान ने जमीन पर अपना हक जताया है. वहीं पत्रकार कॉलोनी का मामला 10 सालों से कानूनी पेंच में फंसा हुआ है. 140 आवासों के लिए आवंटित जमीन पर 2 किसानों ने अपना दावा जताया है.
बता दें बीच शहर में विकास प्राधिकरण ने माधव प्लाजा का निर्माण किया था. यहां 5 दर्जन दुकानें और कॉम्प्लेक्स बनाए गए. लेकिन वन विभाग की आपत्ति के चलते अभी तक दुकानों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी. कुल मिलाकर आधा दर्जन बड़ी योजनाएं जमीनों पर विवादों के चलते पूरी नहीं हो रही हैं जिसके कारण सबसे ज्यादा हितग्राही परेशान हो रहे हैं.

ग्वालियर| ग्वालियर विकास प्राधिकरण की ज्यादातर योजनाएं धरातल पर साकार नहीं हो पा रही हैं. बताया जा रहा है कि योजनाओं के लिए जो जमीन आवंटित की गई है उस पर किसी ना किसी ने कब्जा किया हुआ है. लिहाजा विकास प्राधिकरण की करीब आधा दर्जन योजनाओं पर कोर्ट में मामले चल रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने शहर के लोहिया बाजार को शिवपुरी लिंक रोड पर बनाने के लिए व्यावसायिओं को 15 साल पहले जमीन आवंटित की थी. कई कारोबारियों ने प्राधिकरण में अपना पैसा भी जमा करा दिया था. लेकिन एक किसान ने जमीन पर अपना हक जताया है. वहीं पत्रकार कॉलोनी का मामला 10 सालों से कानूनी पेंच में फंसा हुआ है. 140 आवासों के लिए आवंटित जमीन पर 2 किसानों ने अपना दावा जताया है.
बता दें बीच शहर में विकास प्राधिकरण ने माधव प्लाजा का निर्माण किया था. यहां 5 दर्जन दुकानें और कॉम्प्लेक्स बनाए गए. लेकिन वन विभाग की आपत्ति के चलते अभी तक दुकानों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी. कुल मिलाकर आधा दर्जन बड़ी योजनाएं जमीनों पर विवादों के चलते पूरी नहीं हो रही हैं जिसके कारण सबसे ज्यादा हितग्राही परेशान हो रहे हैं.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर विकास प्राधिकरण की ज्यादातर योजनाएं धरातल पर साकार नहीं हो पा रही है। कारण, जो जमीन है प्राधिकरण को विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित हुई उस पर किसी ना किसी ने अपना दावा जता दिया। लिहाजा करीब आधा दर्जन योजनाएं कानूनी पचड़े में फंसी हुई है और हितग्राही परेशान हो रहे हैं।


Body:ग्वालियर विकास प्राधिकरण में शहर के बीचोबीच स्थित लोहिया बाजार को शिवपुरी लिंक रोड पर स्थापित करने के लिए डेढ़ दशक पहले कारोबारियों को जमीन आवंटित की गई थी। इस जमीन पर कई कारोबारियों ने प्राधिकरण में अपनी राशि भी जमा करा दी थी। बावजूद इसके वहां राम सिंह नामक किसान ने जमीन के बड़े भूभाग पर अपना दावा जता दिया। लिहाजा मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी तरह जडेरुआ खुर्द की जमीन दूसरे के मालिकाना हक के कारण जीडीए हार चुका है। पत्रकार कॉलोनी का मामला 10 सालों से कानूनी पेंच में फंसा हुआ है। 140 आवासों के लिए आवंटित जमीन पर 2 किसानों ने अपना दावा जता दिया है। हालांकि पिछले दिनों निचली कोर्ट ने इन किसानों के दावों को खारिज कर दिया है और कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वे अभ्यावेदन का निराकरण करें। नवीन लोहिया मंडी हो या जडेरुआ खुर्द की जमीन अधिकांश जमीनों पर लोगों के दावों के चलते विकास प्राधिकरण की योजनाएं फलीभूत नहीं हो पा रही है।


Conclusion:बीच शहर में बड़े जोर शोर से विकास प्राधिकरण ने माधव प्लाजा का निर्माण किया था यहां 5 दर्जन दुकानें और कॉन्प्लेक्स बनाया गया है लेकिन वन विभाग की अनापत्ति की फेर में अभी तक दुकानों की रजिस्ट्री या नहीं हो सकी है। भाऊसाहेब पोतनीस आवासीय क्षेत्र से लगी 112 बीघा जमीन का मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में लंबित है। जबकि हाई कोर्ट से जीडीए मुकदमा जीत चुका है। कुल मिलाकर आधा दर्जन बड़ी योजनाएं जमीनों पर विवादों के चलते साकार रूप नहीं ले सकी है। जिसके कारण सबसे ज्यादा हितग्राही परेशान हो रहे हैं ।लेकिन जी डी ए को उम्मीद है कि जल्द ही अधिकांश मामलों में जीडीए को सफलता हाथ लगेगी।
बाइट वीके सिंह सीईओ विकास प्राधिकरण
बाइट राजेंद्र तलेगांवकर पीड़ित हितग्राही ग्वालियर
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