ग्वालियर। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्मोही अखाड़े के पंचों ने आगामी दिनों में बनने वाले ट्रस्ट में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग की है. ग्वालियर में राम जन्मभूमि का केस लड़ने वाले निर्मोही अखाड़े के एक पंच और अखाड़े की मुख्य पीठ के महंत रामसेवक दास ने अपने बयान में निर्मोही अखाड़े के सदस्यों को ट्रस्ट का अध्यक्ष और महासचिव का पद देने की बात कही है.
निर्मोही अखाड़े के 15 पंचों में से मुख्य पंच रामसेवक दास जो ग्वालियर स्थित गंगादास की बड़ी शाला के महंत भी हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर पर दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि निर्मोही अखाड़ा राम जन्मभूमि मामले में एक मुख्य पक्षकार रहा है. निर्मोही अखाड़े को पहले से चली आ रही रामलला की पूजा-पद्धति, भोग और मंदिर से संबंधित सभी व्यवस्था करने के अधिकार दिए जाएं. वहीं उनका ये भी कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर आए फैसले के बाद हैदराबाद सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भी सवाल उठाए थे. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने को लेकर भी महंत रामसेवक दास ने ओवैसी से नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है, सबको इसके फैसले का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी 15 पंच मुस्लिम वक्फ बोर्ड और औवेसी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ किसी को अपील नहीं करना चाहिए.