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राम मंदिर ट्रस्ट में रसूखदार पद पाने की लड़ाई, निर्मोही अखाड़े ने भी ठोका दावा

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Published : Nov 19, 2019, 8:37 AM IST

Updated : Nov 19, 2019, 10:24 AM IST

सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर दिए गए फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट के गठन को लेकर भी विवाद बढ़ता जा रहा है. राममंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट का स्वरूप तैयार करने में फिलहाल केंद्र सरकार लगी हुई है, लेकिन इस बीच ट्रस्ट में सभी मुखिया बनने की लड़ाई में कूद पड़े हैं. श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के बाद निर्मोही अखाड़े ने भी ट्रस्ट में न सिर्फ शामिल होने बल्कि अध्यक्ष या सचिव पद की मांग करके सरगर्मी बढ़ा दी है.

निर्मोही अखाड़े के पंचों ने ट्रस्ट में मांगा अध्यक्ष और महासचिव का पद

ग्वालियर। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्मोही अखाड़े के पंचों ने आगामी दिनों में बनने वाले ट्रस्ट में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग की है. ग्वालियर में राम जन्मभूमि का केस लड़ने वाले निर्मोही अखाड़े के एक पंच और अखाड़े की मुख्य पीठ के महंत रामसेवक दास ने अपने बयान में निर्मोही अखाड़े के सदस्यों को ट्रस्ट का अध्यक्ष और महासचिव का पद देने की बात कही है.

निर्मोही अखाड़े के 15 पंचों में से मुख्य पंच रामसेवक दास जो ग्वालियर स्थित गंगादास की बड़ी शाला के महंत भी हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर पर दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि निर्मोही अखाड़ा राम जन्मभूमि मामले में एक मुख्य पक्षकार रहा है. निर्मोही अखाड़े को पहले से चली आ रही रामलला की पूजा-पद्धति, भोग और मंदिर से संबंधित सभी व्यवस्था करने के अधिकार दिए जाएं. वहीं उनका ये भी कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.

निर्मोही अखाड़े के पंचों ने ट्रस्ट में मांगा अध्यक्ष और महासचिव का पद

सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर आए फैसले के बाद हैदराबाद सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भी सवाल उठाए थे. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने को लेकर भी महंत रामसेवक दास ने ओवैसी से नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है, सबको इसके फैसले का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी 15 पंच मुस्लिम वक्फ बोर्ड और औवेसी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ किसी को अपील नहीं करना चाहिए.

ग्वालियर। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्मोही अखाड़े के पंचों ने आगामी दिनों में बनने वाले ट्रस्ट में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग की है. ग्वालियर में राम जन्मभूमि का केस लड़ने वाले निर्मोही अखाड़े के एक पंच और अखाड़े की मुख्य पीठ के महंत रामसेवक दास ने अपने बयान में निर्मोही अखाड़े के सदस्यों को ट्रस्ट का अध्यक्ष और महासचिव का पद देने की बात कही है.

निर्मोही अखाड़े के 15 पंचों में से मुख्य पंच रामसेवक दास जो ग्वालियर स्थित गंगादास की बड़ी शाला के महंत भी हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर पर दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि निर्मोही अखाड़ा राम जन्मभूमि मामले में एक मुख्य पक्षकार रहा है. निर्मोही अखाड़े को पहले से चली आ रही रामलला की पूजा-पद्धति, भोग और मंदिर से संबंधित सभी व्यवस्था करने के अधिकार दिए जाएं. वहीं उनका ये भी कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.

निर्मोही अखाड़े के पंचों ने ट्रस्ट में मांगा अध्यक्ष और महासचिव का पद

सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर आए फैसले के बाद हैदराबाद सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भी सवाल उठाए थे. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने को लेकर भी महंत रामसेवक दास ने ओवैसी से नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है, सबको इसके फैसले का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी 15 पंच मुस्लिम वक्फ बोर्ड और औवेसी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ किसी को अपील नहीं करना चाहिए.

Intro:एंकर-:अयोध्या मामले में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्मोही अखाड़े के पंचों ने ट्रस्ट में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की माँग की है,ग्वालियर में राम जन्मभूमि का केस लड़ने वाले निर्मोही अखाड़े के 52 द्वारों में से एक के पंच और अखाड़े की मुख्य पीठ के महंत रामसेवक दास ने अपने बयान में निर्मोही अखाड़े के सदस्यों को ट्रस्ट का अध्यक्ष और महासचिव का पद देने की बात कही है!
Body:वीओ-1 निर्मोही अखाड़े के 15 पंचों में से मुख्य पंच रामसेवक दास जो ग्वालियर स्थित गंगादास की बड़ी शाला के महंत भी हैं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर पर दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि निर्मोही अखाड़ा राम जन्मभूमि मामले में एक मुख्य पक्षकार रहा है निर्मोही अखाड़े को पूर्व से चली आ रही राम लला की पूजा पद्धति भोग और मंदिर से संबंधित सभी व्यवस्था करने के अधिकार दिए जाएँ वहीं उनका ये भी कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को समुचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

Conclusion:वीओ-2 सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर निर्णय के बाद हैदराबाद सांसद असदुद्दीन औवेसी द्वारा राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने को लेकर भी महंत रामसेवक दास नाराजगी जाहिर की उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट देश का सर्वोच्च संस्था है सबको इसका पालन करना चाहिए हम सभी 15 पंच मुस्लिम वक्फ बोर्ड और औवेसी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलेंगे और सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ा है और किसीको इसके खिलाफ अपील नहीं करना चाहिए।

बाइट-1 महंत राम सेवक दास जी (पंच,श्री पूरन विराठी द्वारा एवं महंत गंगादास की बड़ी शाला,ग्वालियर)
Last Updated : Nov 19, 2019, 10:24 AM IST
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