ग्वालियर। डबरा तहसील में कोरोना से एक मौत हो चुकी है. लेकिन स्वास्थ विभाग की लापरवाही थमने का नाम ही नहीं ले रही है. बुजुर्ग की माैत के बाद उसके अंतिम संस्कार में घोर लापरवाही बरती गई है. इस लापरवाही से दूसरे लोगों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. दरअसल डबरा निवासी बुजुर्ग को हॉस्पिटल से श्मशान तक लाने की तस्वीरें सामने आईं हैं. जिसमें सरकारी अमले की साफ तौर पर लापरवाही दिखाई दे रही है.
पहली तस्वीर वो है जब मृतक का शव अस्पताल से नगर निगम की शव वाहिका से मुक्तिधाम लाया गया था. गाड़ी में शव काे संभालने के लिए काेई अटेंडर या कर्मचारी नहीं होने से बर्थ से शव गिर गया और फंस गया. ड्राइवर शव को निकालने की कोशिश करने लगा, उसने पीपीई किट भी नहीं पहनी थी. जिसके बाद गाड़ी में फंसे शव को दाे घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका.
दूसरी तस्वीर में निगम के अधिकारियों ने शव को गाड़ी से निकालने के लिए इलेक्ट्रिक कटर मैकेनिक को बुलाया, लेकिन मैकेनिक काे ना पीपीई किट पहनने को दी गई और ना ही सेनेटाइज किया गया. घंटों की मेहनत के बाद मैकेनिक ने सीट काटकर शव को बाहर निकालने का रास्ता बना दिया. शव निकालने के बाद भी मैकेनिक के हाथ नहीं धुलाए गए. इसके बाद वो लोगों से मिलता रहा.
लापरवाही का आलम यहीं खत्म हुआ. बुजुर्ग का अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह से होना था. लेकिन शवदाह में खराबी थी. निगम के कर्मचारी इसे ठीक करने पहुंचे, लेकिन शवदाह गृह ठीक नहीं हाे सका. आखिर में शवदाह के लिए गैस भट्टी तक मंगाने के इंतजाम करने की बात हाेती रही, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. जिसके बाद उपलों पर ही शव काे जलाया गया.
वहीं मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि लापरवाही करने वाले सभी कर्मचारियों और मजदूरों को क्वारेंटाइन कराया गया है. वहीं इलेक्ट्रिक शवदाह गृह को जल्द सुधारने के आदेश भी दिए हैं. इतना ही नहीं कलेक्टर ने भविष्य में ऐसी लापरवाही ना हो,इसको लेकर एक टीम गठित करने का आदेश दिया गया है.