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MP उपचनाव में नाथूराम गोडसे की एंट्री, हिंदू महासभा ने की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा

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Published : Oct 13, 2020, 7:32 PM IST

एमपी की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के मद्देनजर सूबे की सिसायी पारा चढ़ने लगा है. ग्वालियर- चंबल की राजनीति में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की एंट्री हो गई है. हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की है. पढ़िए पूरी खबर.

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नाथूराम गोडसे की एंट्री

ग्वालियर। एक बार फिर ग्वालियर- चंबल अंचल की राजनीति में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की एंट्री हो गई है. ग्वालियर हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि, नाथूराम गोडसे के 'बलिदान दिवस' यानी 15 नवंबर को महासभा के कार्यालय में मूर्ति स्थापित करेंगे. आज हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन को मूर्ति वापस देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

MP उपचनाव में नाथूराम गोडसे की एंट्री

उपचुनाव में गोडसे की एंट्री

हिंदू महासभा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मंगलवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया और 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' के नारे लगाए. हिंदू महासभा ने चेतावनी दी है कि और कहा है कि, 'यदि 15 नवंबर को गोडसे की मूर्ति स्थापित नहीं करने दी गई, तो अंचल में नया विवाद खड़ा हो सकता है'.

हिंदू महासभा ने 15 नवंबर 2017 को जिला प्रशासन द्वारा जब्त की गई नाथूराम गोडसे की प्रतिमा वापस करने की मांग की है. हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद भारद्वाज ने जिला प्रशासन से मांग की है कि, नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को वापस किया जाए, अन्यथा गोडसे की दूसरी प्रतिमा उनके 'बलिदान दिवस' 15 नवंबर को स्थापित करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

2017 में खड़ा हुआ था बवाल

गौरतलब है कि, 15 नवंबर 2017 को ग्वालियर में हिंदू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाया था, जिसमें नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित की गई थी, इसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था. उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि, 'बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा' और ये मामला इतना तूल पकड़ गया कि तत्कालीन शिवराज सरकार और जिला प्रशासन ने भारी विरोध के चलते उस मूर्ति को वहां से हटाकर जब्त कर लिया था. इसके बाद से ही नाथूराम गोडसे की मूर्ति जिला प्रशासन के पास है.

गोडसे को अपना आराध्य मानती है हिंदू महासभा

ग्वालियर में अखिल भारतीय हिंदू महासभा का कार्यालय पिछले 80 सालों से मौजूद है. इस दफ्तर में 1947 में नाथूराम गोडसे ने कुछ दिन बिताए थे. हिंदू महासभा के लोग बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को अपना आराध्य मानते हैं.

कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर लगाए आरोप

इस मामले को लेकर कांग्रेस अब शिवराज सरकार को आड़े हाथों ले रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, महात्मा गांधी के हत्यारे की जो मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, उनके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी है. तभी वो इतनी हिम्मत कर पाते हैं. पहले भी शिवराज सरकार में उन्होंने हत्यारे गोडसे की मूर्ति स्थापित की थी. अगर बापू के हत्यारे गोडसे को इतना महत्व दिया जा रहा है, तो देश और मध्य प्रदेश की सरकार के लिए कलंक है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार

इस मामले से बीजेपी नेता किनारा कर रहे हैं. इस मामले को लेकर वो कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं. हालांकि बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी का कहना है कि, 'बीजेपी पार्टी शुरू से ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी है, लेकिन कांग्रेस लगातार बीजेपी पर आरोप लगाती है, क्योंकि उनके पास कुछ बोलने के लिए अब बचा नहीं है और यही वजह है कि, 2017 में जब हिंदू महासभा के लोगों ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई, तो शिवराज सरकार ने उस मूर्ति को वहां से हटाया'. बीजेपी नेताओं का कहना है कि, कांग्रेस इस मामले में राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, इसलिए गोडसे मूर्ती विवाद को लेकर जनता को भ्रमित कर रही है.

ग्वालियर। एक बार फिर ग्वालियर- चंबल अंचल की राजनीति में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की एंट्री हो गई है. ग्वालियर हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि, नाथूराम गोडसे के 'बलिदान दिवस' यानी 15 नवंबर को महासभा के कार्यालय में मूर्ति स्थापित करेंगे. आज हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन को मूर्ति वापस देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

MP उपचनाव में नाथूराम गोडसे की एंट्री

उपचुनाव में गोडसे की एंट्री

हिंदू महासभा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मंगलवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया और 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' के नारे लगाए. हिंदू महासभा ने चेतावनी दी है कि और कहा है कि, 'यदि 15 नवंबर को गोडसे की मूर्ति स्थापित नहीं करने दी गई, तो अंचल में नया विवाद खड़ा हो सकता है'.

हिंदू महासभा ने 15 नवंबर 2017 को जिला प्रशासन द्वारा जब्त की गई नाथूराम गोडसे की प्रतिमा वापस करने की मांग की है. हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद भारद्वाज ने जिला प्रशासन से मांग की है कि, नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को वापस किया जाए, अन्यथा गोडसे की दूसरी प्रतिमा उनके 'बलिदान दिवस' 15 नवंबर को स्थापित करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

2017 में खड़ा हुआ था बवाल

गौरतलब है कि, 15 नवंबर 2017 को ग्वालियर में हिंदू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाया था, जिसमें नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित की गई थी, इसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था. उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि, 'बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा' और ये मामला इतना तूल पकड़ गया कि तत्कालीन शिवराज सरकार और जिला प्रशासन ने भारी विरोध के चलते उस मूर्ति को वहां से हटाकर जब्त कर लिया था. इसके बाद से ही नाथूराम गोडसे की मूर्ति जिला प्रशासन के पास है.

गोडसे को अपना आराध्य मानती है हिंदू महासभा

ग्वालियर में अखिल भारतीय हिंदू महासभा का कार्यालय पिछले 80 सालों से मौजूद है. इस दफ्तर में 1947 में नाथूराम गोडसे ने कुछ दिन बिताए थे. हिंदू महासभा के लोग बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को अपना आराध्य मानते हैं.

कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर लगाए आरोप

इस मामले को लेकर कांग्रेस अब शिवराज सरकार को आड़े हाथों ले रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, महात्मा गांधी के हत्यारे की जो मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, उनके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी है. तभी वो इतनी हिम्मत कर पाते हैं. पहले भी शिवराज सरकार में उन्होंने हत्यारे गोडसे की मूर्ति स्थापित की थी. अगर बापू के हत्यारे गोडसे को इतना महत्व दिया जा रहा है, तो देश और मध्य प्रदेश की सरकार के लिए कलंक है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार

इस मामले से बीजेपी नेता किनारा कर रहे हैं. इस मामले को लेकर वो कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं. हालांकि बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी का कहना है कि, 'बीजेपी पार्टी शुरू से ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी है, लेकिन कांग्रेस लगातार बीजेपी पर आरोप लगाती है, क्योंकि उनके पास कुछ बोलने के लिए अब बचा नहीं है और यही वजह है कि, 2017 में जब हिंदू महासभा के लोगों ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई, तो शिवराज सरकार ने उस मूर्ति को वहां से हटाया'. बीजेपी नेताओं का कहना है कि, कांग्रेस इस मामले में राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, इसलिए गोडसे मूर्ती विवाद को लेकर जनता को भ्रमित कर रही है.

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