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सुदूर गांवों को जोड़ने वाली एकमात्र नैरोगेज ट्रेन का चलना फिलहाल मुश्किल, ग्रामीण परेशान

ग्वालियर से श्योपुर जाने वाली नैरोगेज ट्रेन फिलहाल लॉकडाउन के दौरान बंद है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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नैरोगेज ट्रेन
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Published : Jul 10, 2020, 2:50 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर से श्योपुर के बीच चलने वाली छोटी ट्रेन यानि की नैरोगेज के चलने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है. रेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जब तक मेन लाइन की ट्रेनें सुचारू रूप से संचालित नहीं हो जाती तब तक छोटी ट्रेन का चलना संभव नहीं है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते छोटी ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना बेहद मुश्किल है.

नैरोगेज ट्रेन

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर 24 मार्च से ट्रेनों का संचालन बंद है. सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, जिनकी संख्या भी काफी कम है. जहां अप ट्रेक पर ट्रेनों की संख्या चार है वहीं डाउन ट्रेक पर छह ट्रेन संचालित हैं. लेकिन सुदूर ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाली एकमात्र नैरोगेज ट्रेन का संचालन अवरुद्ध होने से ग्रामीण परेशान हैं. क्योंकि उनके गांव में ना तो बस का साधन हैं और ना ही कोई अन्य आवागमन के साधन, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द इस ट्रेन के शुरू होने की उम्मीद है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुश्किल

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि बड़ी ट्रेन फिलहाल 15 अगस्त तक बंद है. उसके बाद जो स्थिति बनेगी तब नैरोगेज ट्रेन का संचालन शुरू हो सकेगा, क्योंकि इस ट्रेन में जितने लोग कोच में रहते हैं उतने ही ट्रेन की छत पर सवारी करते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने का पालन कराना बेहद मुश्किल है.

बता दें सिंधिया रियासत काल में यह ट्रेन ग्वालियर से भिंड शिवपुरी और श्योपुर के लिए जाती थी लेकिन भिंड और शिवपुरी की लाइनें काफी पहले बंद कर दी गई हैं. अब सिर्फ श्योपुर तक यह ट्रेन जाती है.

ग्वालियर। ग्वालियर से श्योपुर के बीच चलने वाली छोटी ट्रेन यानि की नैरोगेज के चलने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है. रेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जब तक मेन लाइन की ट्रेनें सुचारू रूप से संचालित नहीं हो जाती तब तक छोटी ट्रेन का चलना संभव नहीं है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते छोटी ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना बेहद मुश्किल है.

नैरोगेज ट्रेन

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर 24 मार्च से ट्रेनों का संचालन बंद है. सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, जिनकी संख्या भी काफी कम है. जहां अप ट्रेक पर ट्रेनों की संख्या चार है वहीं डाउन ट्रेक पर छह ट्रेन संचालित हैं. लेकिन सुदूर ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाली एकमात्र नैरोगेज ट्रेन का संचालन अवरुद्ध होने से ग्रामीण परेशान हैं. क्योंकि उनके गांव में ना तो बस का साधन हैं और ना ही कोई अन्य आवागमन के साधन, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द इस ट्रेन के शुरू होने की उम्मीद है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुश्किल

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि बड़ी ट्रेन फिलहाल 15 अगस्त तक बंद है. उसके बाद जो स्थिति बनेगी तब नैरोगेज ट्रेन का संचालन शुरू हो सकेगा, क्योंकि इस ट्रेन में जितने लोग कोच में रहते हैं उतने ही ट्रेन की छत पर सवारी करते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने का पालन कराना बेहद मुश्किल है.

बता दें सिंधिया रियासत काल में यह ट्रेन ग्वालियर से भिंड शिवपुरी और श्योपुर के लिए जाती थी लेकिन भिंड और शिवपुरी की लाइनें काफी पहले बंद कर दी गई हैं. अब सिर्फ श्योपुर तक यह ट्रेन जाती है.

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