ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल की सियासत में हर दिन एक नया चुनावी मोड़ देखने को मिल रहा है. यहां सियासी समीकरण पल-पल बदल रहे हैं. एक तरफ बीजेपी को अपने ही बागी नेताओं का डर सता रहा है, तो कांग्रेस भी यहां प्रत्याशियों चुनने में पशोपेश की स्थिति में नजर आ रही है. दोनों ही पार्टियों को इस बार भितरघात का डर सता रहा है.
ग्वालियर-चंबल में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बार सबसे ज्यादा घिरे नजर आ रहे हैं. पहले पार्टी ने उन्हें ग्वालियर की बजाये इस बार मुरैना से चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन अब चर्चा है कि सीट बदलकर उन्हें भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ाया जा सकता है. वहीं मुरैना सीट पर उनकी जगह बीडी शर्मा को टिकट दिया जा सकता है.
तोमर के लिए भिंड लोकसभा सीट भी परेशानी का सबब है. इस सीट पर बीजेपी ने संध्या राय को टिकट दिया है. जो नरेंद्र सिंह तोमर की सर्मथक मानी जाती है. लेकिन, लेकिन उधर बीजेपी से पांच बार के सांसद और वर्तमान में मुरैना नगर निगम से महापौर अशोक अर्गल को टिकिट न मिलने के कारण पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. चर्चा तो यह भी है कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी संध्या राय के लिए यहां मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
तोमर इस बार चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाते दिख रहे हैं. आलम यह है कि पिछले कई दिनों से ग्वालियर-चंबल अंचल में ही डेरा जमाए हुए हैं. उन्होंने भिंड में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य के साथ सभी कार्यकर्ताओं की बैठक ली. वहीं अशोक अर्गल पर पूर्व मंत्री लाल सिंह ने कहा कि जिस पार्टी ने उनके पिता और उनको कई बार टिकट दिया है. बीजेपी से उनकी एक पहचान है, ऐसे में अशोक अर्गल पार्टी छोड़कर जा रहे है तो कही न कही वह स्वार्थ देख रहे है.