ग्वालियर। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. अधिवक्ताओं से अंशदान यानी सालाना फीस भी जमा करा ली गई है. अभी तक कुल 3135 वकीलों ने अपना शुल्क जमा कराया है. लेकिन बार एसोसिएशन की सदस्यता सूची से 400 वकीलों के नाम गायब हैं. अपने नाम गायब देख कुछ अधिवक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है. चुनाव संचालन समिति अब इन अधिवक्ताओं को बीच का कोई रास्ता निकालने की समझाइश दे रही है.
400 अधिवक्ताओं के सूची से नाम गायब
दरअसल पिछले बार एसोसिएशन के चुनाव में साढ़े तीन हजार से ज्यादा अधिवक्ता सदस्य के रूप में नामित थे. लेकिन इस बार पिछली सूची में बढ़ोतरी के बजाय करीब 400 अधिवक्ताओं की कमी हो गई है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि कई अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही ऑनलाइन सदस्यता फॉर्म भरते समय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के स्थान पर जिला अभिभाषक संघ को सिलेक्ट कर लिया है. जिससे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता सूची में उनका नाम हट गया है.
सदस्यों ने दर्ज करवाई आपत्ती
कुछ सदस्यों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने इसे संचालन समिति का मनमाना रवैया बताया है. कहा कि यदि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. गौरतलब है कि कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव 2 साल में एक बार होते हैं. कोरोना संक्रमण काल के कारण इस बार यह चुनाव 2 महीने विलंब से आयोजित किए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा उपाध्यक्ष और सचिव पद पर घमासान देखने में आ रहा है. हालांकि नामांकन भरने का कार्य 14 फरवरी से शुरू होगा. पांच मार्च को नई कार्यकारिणी के लिए वोट डाले जाएंगे. फिलहाल दावें आपत्तियों के निराकरण के लिए 12 फरवरी अंतिम तिथि रखी गई है.