ग्वालियर। शहर में पानी सहेजने के लिए बावड़ियों (stepwell) का एक बड़ा जाल सा है. इन्हीं से पुराने समय में शहर भर को पेयजल और सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति होती थी. फिर विकास की दौड़ में इन बावड़ियों ने भी अपनी उपेक्षा होते देखी. लगातार होते निर्माण, अतिक्रमण और गंदगी से इन बावड़ियों ने अपना अस्तित्व ही खो दिया. लेकिन अब इनमें से कुछ के दिन बहुरेंगे क्योंकि कुछ बावड़ियों को पुनर्जीवित करने का अभियान नगर निगम प्रशासन ने शुरू किया है. यह बावड़ियां देख-रेख के अभाव में लगभग सूख सी गई हैं.
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बावड़ियों को पुनर्जीवित कराने का अभियान शुरू
शहर में लगातार घटते जलस्तर को लेकर प्रशासन गंभीर है. यही वजह है कि नगर निगम प्रशासन ने इन पुरानी बावड़ियों को पुनर्जीवित कराने का अभियान शुरू किया है. निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने इसके लिए अपने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. उनसे कहा गया है कि वो अपने अपने क्षेत्र की बावड़ियों को देखें और वहां साफ सफाई का खास ख्याल रखें. चैनल्स की मरम्मत कराएं और व्यवस्था ऐसी कराए जाए कि कम बारिश का पानी जमा हो सके. फिलहाल इन बावड़ियों में कूड़ा-करकट जमा है, जिन्हें हटाने के निर्देश निगम आयुक्त ने दिए हैं.
![Campaign to revive Gwalior's stepwells started](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12130349_671_12130349_1623673273302.png)
निगम आयुक्त ने दो पुरानी बावड़ियों का किया निरीक्षण
निगम आयुक्त ने दो पुरानी बावड़ियों का निरीक्षण भी किया है और उन्होंने अपने अधीनस्थों को तत्काल बावड़ियों को साफ करने के निर्देश दिए हैं. निगम कमिश्नर ने हजीरा स्थित लाइन नंबर 1 की फक्कड़ बाबा की बावड़ी और कोटेश्वर मंदिर के पास पुरानी बावड़ी का निरीक्षण किया. इसके अलावा शारदा विहार स्थित कुत्ता समाधि के पास की बावड़ी को भी व्यवस्थित करने के निर्देश मैदानी अमले को दिए हैं. उनका मानना है कि बारिश का पानी इन बावड़ियों में जमा होगा तो लोग उसका इस्तेमाल पीने के अलावा दूसरे काम के लिए भी कर सकेंगे.