ग्वालियर। ग्वालियर चम्बल अंचल में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ है, जो जानलेवा साबित हो रही है. पिछले दो दिनों में भीषण सर्दी के कारण खुले में सोने वाले बेसहारा तीन लोगों की मौत हो गई है. पहली मौत बीते शनिवार को हुई थी तो वहीं रविवार को दो बुजुर्गों की मौत की खबर सामने आई. सर्दी के कारण हुई मौतों के बाद अभी भी जिम्मेदार अफसर बेखबर नजर आ रहे हैं, इन बेसहारा लोगों के लिए ना तो रेन बसेरा में रोकने के लिए जगह है और ना हीं उनके लिए सड़कों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है.
जानलेवा साबित हो रही सर्दी: पिछले एक सप्ताह से ग्वालियर चंबल अंचल में भीषण सर्दी के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है और इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो बेसहारा सड़कों पर अपनी रात गुजारने के लिए मजबूर हैं. कड़ाके की सर्दी होने के बावजूद भी यह सहारा लोग सड़कों पर रात गुजार रहे हैं, ना तो उनके लिए अलाव की कोई व्यवस्था है और ना हीं रेन बसेरा में कोई जगह है, यही कारण है कि यह कड़ाके की सर्दी उनके लिए जानलेवा साबित हो रही है.
अब तक नहीं हुई शवों की पहचान: इस भीषण सर्दी में शहर के फूल बाग इलाके में दो बुजुर्गों की शव मिल चुके हैं, तो वहीं एक रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर तीन पर एक शव बरामद हुआ था. जीआरपी थाना प्रभारी वीरेंद्र झा ने बताया है कि "संभवत: रेलवे स्टेशन में अज्ञात यात्री की ठंड लगने के कारण मौत हुई है, शव की पहचान अभी नहीं हुई है. वहीं फूलबाग इलाके में दो लोगों की शव की पहचान भी अभी तक नहीं हुई है." इस मामले को लेकर ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से बातचीत की तो उनका कहना है कि "अंचल में इस समय सर्दी बहुत ज्यादा है जो लोग खुले में सो रहे हैं उनके लिए निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि तत्काल ऐसे लोगों के लिए अलाव और रेन बसेरा की व्यवस्था करें."
बेसहारा लोग खुले में सोने को मजबूर: बता दें कि इस भीषण सर्दी में सबसे ज्यादा खुले में सोने वाले लोग रेलवे स्टेशन पर मिलते हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा बेसहारा लोग रेलवे स्टेशन पर सोने को मजबूर हैं. इसके अलावा बस स्टैंड पर बेसहारा लोगों की संख्या अधिक है, जो खुली सड़कों पर सोते हैं. वहीं फुटपाथ पर भी मजदूरी करने वाले यह लोग अपनी रात खुली सड़कों पर ही गुजारते हैं.