ग्वालियर। ऑनलाइन गेम खेलने से बच्चों को हो रहे नुकसान पर अब मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. एक मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि तीन महीने में ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की पहल की जाये. वहीं इस मामले में बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भी संसद में आवाज उठा चुके हैं. उनका मानना है सरकार जल्द ही कानून लेकर आएगी.
ऑनलाइन गैंबलिंग के चक्कर में सिंगरौली के सनत ने गंवाए साढ़े आठ लाख
इसमें मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गेम को लेकर लगातार मामले बढ़ती जा रहे हैं. ताजा मामला मध्य प्रदेश सिंगरौली के सनत कुमार का है, जहां सनत ने ऑनलाइन गैंबलिंग में फंसकर साढ़े आठ लाख रुपये गवाएं थे. उसने अपने नाना के एकाउंट से करीब 8 लाख 51 हजार रुपये अवैध तरीके से निकाले और ऑनलाइन गेम एवं ऑनलाइन IPL सट्टे में लगा दिए थे. मामला अभी भी जबलपुर हाई कोर्ट में है. हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के कारण युवाओं पर बुरा असर हो रहा है, वे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं. इसलिए राज्य सरकार को अब और इन्तजार ना करते हुए इस पर रोक लगाने की पहल करनी चाहिए.
सांसद विवेक नारायण ने संसद में उठाया मुद्दा
दूसरी ओर ऑनलाइन गेमिंग को लेकर ग्वालियर से बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने संसद में उठाया है. उनका मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है, इसके लिए अब तक कोई कानून नहीं बना है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार जल्द ही कानून लेकर आएगी. मैं भी संबंधित मंत्रालय में इसको लेकर अपनी बात रखूंगा और संसद में आवाज बुलंद करुंगा.(MP Online Gaming, MP Online Gaming crime, MP Vivek Narayan Shejwalkar )