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ग्वालियर के पार्कों की बदहाली दूर करने के लिए सांसद ने दिए सुझाव - MP Vivek Narayan Shejwalkar

सिटी सेंटर इलाके में स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर बना पार्क नगर निगम की उपेक्षा के कारण बदहाल है. यहां बाउंड्री वाल टूटी हुई है, शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. कुछ लोग रात के अंधेरे में यहां महफिल भी सजाते हैं. कुछ इसी तरह का नजारा शहर के अन्य पार्कों का भी है.

ruin parks in gwalior
पार्क बदहाल
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Published : Jun 29, 2020, 2:01 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 2:26 PM IST

ग्वालियर। इन दिनों सार्वजनिक क्षेत्र के पार्क भगवान भरोसे हैं, इन पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है. शहर में करीब 27 से ज्यादा बड़े पार्क हैं, इनमें अधिकांश पार्क नगर निगम के अधीन हैं. दूरदराज पार्क की बदहाली समझ में आती है, लेकिन शहर के मध्य स्थित पार्क भी बदहाल हैं. पूर्व महापौर और वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने पार्कों की बदहाली दूर करने के लिए निर्माणकर्ता ठेकेदारों को मेंटेनेंस की शर्त के साथ ही काम देने का सुझाव दिया है.

पार्क बदहाल

शेजवलकर ने नगर निगम प्रशासक और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों को सुझाव दिया है कि निर्माणकर्ता पार्क ठेकेदारों को ही उनके मेंटेनेंस का जिम्मा दिया जाए, कम से कम 3 साल का करार ठेकेदारों से किया जाए, ताकि पार्कों का मेंटेनेंस ठीक प्रकार से हो सके. उसके बाद इन पार्कों को स्थानीय लोगों कॉलोनी निवासियों और सोसाइटी के लोगों के सुपुर्द किया जाए और उन पर देखरेख की जिम्मेदारी डाली जाए.

ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले ही भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर बने पार्क की दुर्दशा की बदहाली से प्रशासन को अवगत कराया था. जैसे तैसे इस पार्क में कचरे को हटाया गया, लेकिन बाउंड्री वाल फिर भी नहीं बन सकी है. इस बीच शहर के मध्य सिटी सेंटर इलाके में स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर बना पार्क नगर निगम की उपेक्षा के कारण बदहाल है. यहां बाउंड्री वाल टूटी हुई है, शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. कुछ लोग रात के अंधेरे में यहां महफिल भी सजाते हैं. कुछ इसी तरह का नजारा शहर के अन्य पार्कों का भी है.

ग्वालियर। इन दिनों सार्वजनिक क्षेत्र के पार्क भगवान भरोसे हैं, इन पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है. शहर में करीब 27 से ज्यादा बड़े पार्क हैं, इनमें अधिकांश पार्क नगर निगम के अधीन हैं. दूरदराज पार्क की बदहाली समझ में आती है, लेकिन शहर के मध्य स्थित पार्क भी बदहाल हैं. पूर्व महापौर और वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने पार्कों की बदहाली दूर करने के लिए निर्माणकर्ता ठेकेदारों को मेंटेनेंस की शर्त के साथ ही काम देने का सुझाव दिया है.

पार्क बदहाल

शेजवलकर ने नगर निगम प्रशासक और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों को सुझाव दिया है कि निर्माणकर्ता पार्क ठेकेदारों को ही उनके मेंटेनेंस का जिम्मा दिया जाए, कम से कम 3 साल का करार ठेकेदारों से किया जाए, ताकि पार्कों का मेंटेनेंस ठीक प्रकार से हो सके. उसके बाद इन पार्कों को स्थानीय लोगों कॉलोनी निवासियों और सोसाइटी के लोगों के सुपुर्द किया जाए और उन पर देखरेख की जिम्मेदारी डाली जाए.

ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले ही भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर बने पार्क की दुर्दशा की बदहाली से प्रशासन को अवगत कराया था. जैसे तैसे इस पार्क में कचरे को हटाया गया, लेकिन बाउंड्री वाल फिर भी नहीं बन सकी है. इस बीच शहर के मध्य सिटी सेंटर इलाके में स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर बना पार्क नगर निगम की उपेक्षा के कारण बदहाल है. यहां बाउंड्री वाल टूटी हुई है, शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. कुछ लोग रात के अंधेरे में यहां महफिल भी सजाते हैं. कुछ इसी तरह का नजारा शहर के अन्य पार्कों का भी है.

Last Updated : Jun 29, 2020, 2:26 PM IST
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