ग्वालियर। राजपूत महापंचायत ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से मांग की है कि उनके समाज को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिए जाएं. यदि उन्हें विधानसभा चुनाव में विजय हासिल करनी है तो राजनीतिक दल राजपूत समाज के महत्व को समझें. ऐसा नहीं होने की स्थिति में राजपूत समाज अपने समाज के लोगों के टिकट काटने वालों के खिलाफ मतदान करेगा. ग्वालियर-चंबल संभाग में हालांकि राजपूत समाज का राजनीति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है. बावजूद इसके अभी भी राजपूत महापंचायत को लगता है कि उनके समाज को जितना प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, उतना नहीं मिला.
भिंड के गोहद में होगा समागम : विधानसभा चुनाव को लेकर राजपूत महापंचायत के पदाधिकारी भिंड के गोहद भी जाएंगे, जहां राजपूत समाज का समागम है. यहां विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी पहुंचेंगे. विभिन्न राजनीतिक दलों में मौजूद अपने प्रतिनिधियों से राजपूत महापंचायत स्पष्ट जवाब लेगी कि अगले 5 सालों में उनका अपने समाज को लेकर क्या दृष्टिकोण है या वे सिर्फ अपने राजनीतिक हित के लिए कांग्रेस अथवा भाजपा से जुड़े हैं. राजपूत महापंचायत के पदाधिकारी राघवेंद्र तोमर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जो भी राजनीतिक दल उन्हें मान सम्मान देगा, वह उसका समर्थन करेंगे.
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एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग : राजपूत महापंचायत का कहना है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में राजपूत समाज के मतदाता बड़ी संख्या में हैं. इसलिए वे ज्यादा टिकटों की मांग कर रहे हैं. एक सवाल का जवाब में उन्होंने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है. यह कानून समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अन्याय और अत्याचार के लिए था. लेकिन इसकी आड़ में बिना जांच पड़ताल के लोग प्रताड़ित हो रहे हैं. इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त कर उदय निधि को तत्काल गिरफ्तार करके उसे जेल भेज देना चाहिए.